दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान जलपाईगुड़ी जिले के मालबाजार में हुए हादसे के बाद प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। मौके पर बचाव कार्य में शामिल सिविल डिफेंस के एक कर्मचारी ने गुरुवार सुबह बताया कि वहां पुलिस तो थी लेकिन आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं थे, अन्यथा इस तरह लोगों की जान नहीं जाती।
उन्होंने बताया कि जब मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा था तब एक तरफ भीड़ बढ़ती जा रही थी और दूसरी तरफ नदी में पानी। तभी हमने सभी लोगों को सतर्क किया था। इसके कुछ ही देर बाद अचानक पानी बढ़ गया। लेकिन हमारे पास रस्सी के अलावा कुछ नहीं था। नाव भी नहीं थी। इसलिए इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई।
नाम नहीं छापने की शर्त पर उक्त सुरक्षाकर्मी ने दावा किया कि विसर्जन के लिये घाट के प्रभारी बनाये गये एनडीआरएफ अधिकारी पल्लब विकास मजूमदार अपनी ड्यूटी छोड़ कर रिश्तेदार के घर चले गए थे। पल्लब विकास मजूमदार से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, मैं विसर्जन के शुरुआत से ही निगरानी कर रहा था। इस बीच एक बार अपने रिश्तेदार के घर गया था क्योंकि उनकी तबीयत बहुत खराब थी।” मजूमदार ने भी हादसे में हुई जानमाल की हानि के लिए बचाव के पर्याप्त साधनों की कमी को ही जिम्मेदार ठहराया।
दरअसल, बुधवार रात दशमी को प्रतिमा विसर्जन के दौरान माल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने और तेज बहाव के कारण कई लोग बह गए थे। इस घटना में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 11 लोग अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
इस बीच, भारी बारिश के कारण गुरुवार सुबह से बचाव कार्य शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।