पिछले साल सरकार ने वाहनों के पंजीकरण की नई व्यवस्था अधिसूचित की थी। यह व्यवस्था वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने और वहां स्थानांतरित होने पर वाहनों के दोबारा से पंजीकरण से मुक्त करती है।
देशभर में निजी वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने गाड़ियों के पंजीकरण के लिए नई भारत शृंखला (बीएच-शृंखला) शुरू की है। परिवहन विकास परिषद की सालाना बैठक के ब्योरे से यह जानकारी मिली।
परिषद की 41वीं बैठक पिछले महीने बंगलूरू में हुई थी। बैठक के ब्योरे के अनुसार नीति की शुरुआत के बाद से 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 20,000 वाहन पंजीकृत हुए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने वाहनों के पंजीकरण की नई व्यवस्था अधिसूचित की थी। यह व्यवस्था वाहन मालिकों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने और वहां स्थानांतरित होने पर वाहनों के दोबारा से पंजीकरण से मुक्त करती है।
ब्योरे के अनुसार जांच चौकियों पर रुके बिना और स्थानीय/राज्य नियमों के अनुसार करों के भुगतान के बिना पर्यटकों की निर्बाध आवाजाही के लिए सड़क मंत्रालय की पहल सफल रही है। तीस हजार से अधिक परमिट और 2,75,000 अधिकार पत्र अब तक जारी किए जा चुके हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकारों को बड़े और छोटे शहर से जुड़े मार्गों पर बाधा रहित यातायात सुविधा प्रदान करने के लिए गति सीमा प्रतिबंधों पर फिर से विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वह एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा को 140 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के पक्ष में हैं। गडकरी ने कहा था कि चार लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की गति सीमा कम-से-कम 100 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए जबकि दो लेन वाला सड़कों और शहर की सड़कों के लिए गति सीमा क्रमश: 80 किमी प्रति घंटा और 75 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए।