गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में अकादमिक नेतृत्व विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सनशाइन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन राजकोट के डायरेक्टर प्रोफेसर विकास अरोड़ा ने अपने वक्तव्य में कुशल नेता की विशेषताएं बताई। साथ ही कैसे उन विशेषताओं को विकसित किया जा सकता है उसके बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए।
जम्मू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अलका शर्मा ने अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों को एक अच्छे शिक्षक के साथ-साथ एक अच्छे मार्गदर्शक बनने के लिए प्रेरित किया।
एमजेपी रोहेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर संजय मिश्रा ने एक सफल शिक्षक की विशेषताओं को बताया। साथ ही अपने स्वयं के अनुभवों को साझा करते हुए प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।
पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गुणमाला सूरी ने प्रतिभागियों को उच्च शिक्षा एवं प्रबंधन के बारे में बताते हुए कुशल प्रस्तुतीकरण की विधा सिखाने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि किस तरह तकनीकों का इस्तेमाल कर हम अपने वक्तव्य को शक्तिशाली बना सकते हैं।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन पर संयोजक प्रो. पंकज मदान, सह संयोजक डॉ. सुयश भारद्वाज और आयोजन समिति के सभी सदस्यों को बधाई दी।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने अपने व्याख्यान में वैदिक नेतृत्व की बात की और सभी को वेद मंत्रों के द्वारा यह अवगत कराया कि एक कुशल नेतृत्व के लिए किन विशेषताओं की आवश्यकता है।