प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के 11 संघटक महाविद्यालयों में पीएचडी की पढ़ाई होगी। इसके लिए इन महाविद्यालयों में शोध केंद्र खोले जाने पर कार्य परिषद ने अंतिम मुहर लगा दी है। शनिवार को हुई राज्य विवि की कार्य परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य विश्वविद्यालय के 11 संघटक महाविद्यालयों में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की जाएगी। इनमें राजकीय महाविद्यालय और अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालय शामिल हों। प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में राज्य विश्वविद्यालय के 653 संघटक महाविद्यालय हैं। इनमें 25 राजकीय एवं एडेड महाविद्यालय और बाकी 628 स्ववित्त पोषित महाविद्यालय हैं।
राज्य विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में भी पीएचडी में प्रवेश लिए जाने हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि चयनित महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय में जनवरी सत्र-2023 से पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 18 में से 11 विषयों के लिए शोध निर्देशक चुन लिए गए हैं, जो विश्वविद्यालय मुख्य परिसर के शिक्षक हैं। बाकी विषयों के लिए विश्वविद्यालय ने संबंधित महाविद्यालयों से शिक्षकों के नाम मांगे हैं। आठ महाविद्यालयों से प्रस्ताव मिल चुके हैं। जल्द ही सभी विषयों के लिए शोध निर्देशकों के नाम अंतिम रूप से चयनित कर लिए जाएंगे।
कार्यपरिषद ने राज्य विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत 18 वोकेशनल पाठ्यक्रम शुरू किए जाने पर भी अंतिम मुहर लगा दी है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में संचालित पीजी के पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति के तहत लागू किए जाने पर भी मुहर लगाई गई।
विश्वविद्यालय में होगा ट्रैक एंड फील्ड का निर्माण
राज्य विश्वविद्यालय में खेल सुविधाओं को लेकर भी चर्चा की गई और इसके तहत कार्य परिषद ने नए निर्माण कार्यों को मंजूरी दी। इनमें ट्रैक एंड फील्ड, वॉलीबॉल, टेनिस, बैडमिंटन, टेबल टेनिस कोर्ट आदि के निर्माण का निर्णय लिया गया
वित्त और परीक्षा समिति के सुनो पर फिर मुहर
कार्यपरिषद ने विश्व विद्यालय की वित्त समिति और परीक्षा समिति की ओर से पूर्व में लिए जा चुके निर्णयों पर भी अंतिम मुहर लगा दी है। इनमें स्नातक तृतीय वर्ष में सामूहिक नकल में 9607 विद्यार्थियों की परीक्षा निरस्त किए जाने का निर्णय भी शामिल है।