नए नियमों के तहत छात्र अब फिजिकल मोड से दो पूर्णकालिक शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ा सकते हैं। लेकिन एक डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई का समय दूसरे डिग्री प्रोग्राम की कक्षा को बाधित न करें।
इस शैक्षणिक सत्र से छात्र एक साथ दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेंगे। यूजीसी काउंसिल बैठक में दो डिग्री प्रोग्राम, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस, पीएचडी व विदेशी छात्रों के लिए अतिरिक्त सीटों पर दाखिले के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इसी के आधार पर शुक्रवार को यूजीसी ने इसकी गाइडलाइन विश्वविद्यालयों और राज्यों को भेज दी है। छात्रों को सबसे अधिक फायदा दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने की मंजूरी से होगा। हालांकि, यह नियम पीएचडी प्रोग्राम में लागू नहीं होगा।
यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालयों से एक साथ दो शैक्षणिक डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की सुविधा के लिए वैधानिक बदलाव को कहा गया है। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) से अनुरोध किया गया था कि वे अपने सांविधिक निकायों के माध्यम से छात्रों को एक साथ दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की अनुमति देने के लिए तंत्र तैयार करें। यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से पत्र भेजा गया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि वे छात्रों के व्यापक हित में उक्त योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें।
एक छात्र को एक साथ दो डिग्री हासिल करने की अनुमति देने का उद्देश्य प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को पहचानना, पहचानना और बढ़ावा देना है। इसके अलावा ओडीएल (ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग) और ऑनलाइन मोड के तहत डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रमों को केवल ऐसे एचईआई के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
15 साल से अपने क्षेत्र के प्रोफेशनल प्रोफेसर बनकर सेवाएं दे सकेंगे
प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस में अब 15 साल से अपने क्षेत्र में उत्कृष्ठ प्रदर्शन व सेवा देने वाले संगीत, कला, योग, शिक्षा आदि क्षेत्रों के लोगों को बिना अकेडमिक डिग्री प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा। वे एक या दो साल तक प्रोफेसर बनकर सेवाएं दे सकेंगे।