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”आयुर्वेद @ 2047” मनाने के लिए गिरिराज सिंह ने ग्राम प्रधानों को लिखा पत्र

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गिरिराज सिंह

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने देश के सभी ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर आयुर्वेद दिवस-2022 के कार्यक्रमों में उत्साहपूर्ण सहभागिता और ग्राम पंचायत में ”हर दिन हर घर आयुर्वेद” को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा है कि गृह मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति की बैठक में आयुष मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को मंजूरी दी। जिसमें ”आयुर्वेद @ 2047 – आजादी का अमृत काल” भी शामिल है। इसलिए आयुष मंत्रालय ने सातवां आयुर्वेद दिवस मनाने के लिए 12 सितम्बर से 23 अक्टूबर तक ”आयुर्वेद @ 2047” कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित कर रही है, कार्यक्रम का विषय ”हर दिन हर घर आयुर्वेद” है।

जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम और सुझाव सहित गतिविधियों का विवरण अनुबंध में दिया गया है। विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर जन आरोग्य के लिए जन संदेश, जनभागीदारी और जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर आयुर्वेद की वैज्ञानिकता और स्वीकार्यता को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीणों को एकजुट करने के इस नेक काम में मैं आपका समर्थन चाहता हूं। यह कोशिश करें कि आयोजन के दौरान गतिविधियों को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाए। ताकि इसे जन आंदोलन बनाया जा सके और इस प्रकार ग्राम पंचायत के हर घर में ”हर दिन हर घर आयुर्वेद” को बढ़ावा दिया जा सके।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि ग्राम पंचायतों द्वारा भारतीय डाक के माध्यम से प्राप्त होने वाले गांवों में नवरत्न पोस्टर प्रदर्शित किया जाए। माय जीओवी और आयुष कैंपन पोर्टल के माध्यम आयुष मंत्रालय एवं राज्य सरकार आदि द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जा सकता है। पांच विषयों पर वीडियो प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। जिसमें मेरे दिनों में आयुर्वेद, रसोई में आयुर्वेद, बगीचे में आयुर्वेद, खेत में आयुर्वेद एवं भोजन-आहार में आयुर्वेद, मेरा आयुर्रहस्य (नुस्खा) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता शामिल है।

लोगों को अपने घर एवं उद्यान परिसर में चार-पांच औषधीय जड़ी बूटियों के रोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसमें तुलसी, गिलोय, नीम, घृतकुमारी (एलोवेरा), करी पत्ता का पौधा, सहजन, पुदीना और बेल आदि लगाना उपयोगी रहेगा। ग्राम प्रधान विषय के साथ सातवें आयुर्वेद दिवस के उत्सव के संबंध में गांव में दिशा-निर्देश प्रसारित करें कि हर दिन हर घर आयुर्वेद। आयुर्वेद आहार और स्वास्थ्यवर्धक मिठाइयों को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद भोजनोत्सव का आयोजन किया जा सकता है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ की सहायता से आयुर्वेद संबंधी व्याख्यानों, कार्यशालाओं आदि का आयोजन, लोगों को उनके आस-पास के स्थान पर आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर, प्रकृति परीक्षण शिविर और व्याख्यान आदि में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।

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