Search
Close this search box.

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), इन्वेस्ट इंडिया और नीदरलैंड के दूतावास ने भारत-नीदरलैंड फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म (एफटीएम) को औपचारिक रूप प्रदान किया

Share:

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और नीदरलैंड के दूतावास ने आधिकारिक तौर पर भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म (एफटीएम) को औपचारिक रूप देने के लिए संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए। इन्वेस्ट इंडिया, एक राष्ट्रीय निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी है जो द्विपक्षीय एफटीएम कार्यकारी निकाय है। भारत में नीदरलैंड के राजदूत, श्री मार्टन वैन डेन बर्ग और डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने 27 सितंबर, 2022 को संयुक्त वक्तव्य पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए और उसका आदान-प्रदान किया।

भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय एफटीएम का उद्देश्य भारत में कार्यरत डच कंपनियों के निवेश के मामलों का तेजी से समाधान करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना है। यह मैकेनिज्म डीपीआईआईटी, संबंधित मंत्रालयों और विभागों, इन्वेस्ट इंडिया और नीदरलैंड के दूतावास के बीच घनिष्ठ सहयोग के साथ कार्य करता है। यह तंत्र आपसी निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय प्रयासों को मजबूत करेगा और इसके साथ ही दोनों देशों की कंपनियों के बीच व्यापार सहयोग में समर्थन और विकास में सहायता प्रदान करेगा।

भारत में नीदरलैंड के राजदूत श्री मार्टन वैन डेन बर्ग ने कहा कि भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत आर्थिक संबंध उल्लेखनीय हैं। कुछ डच कंपनियां भारत में 100 से भी अधिक वर्षों से काम कर रही हैं, जो इन घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाती हैं। हम भारत में डच कंपनियों को विशेष रूप से अर्थशास्त्र, विज्ञान और नवाचार के प्रमुख क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने के लिए अपने भारतीय भागीदारों के साथ और अधिक सहयोग करने के इच्छुक हैं।

डीपीआईआईटी के सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि मैं उस उपयुक्त अवधि पर प्रकाश डालना चाहता हूं जिसके दौरान हम इस एफटीएम- ‘अमृत काल’  पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जो हमारी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के समारोह के साथ-साथ हमारे द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों का समारोह भी है। भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिनकी एफडीआई नीति बहुत खुली है, और हमने एफटीएम प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही डच कंपनियों के कई मुद्दों को हल करने के लिए भी काम किया है। इस संदर्भ में हम एक ऐसे रिश्ते को औपचारिक रूप प्रदान कर रहे हैं, जो बहुत पहले से मौजूद था।

डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री राजेंद्र रतनू ने कहा कि भारत-नीदरलैंड आर्थिक संबंध हमारे द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर कई क्षेत्रीय सहयोगों के साथ-साथ हमारे मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को भी उजागर करना इतना ही आवश्यक है। हमारा प्रयास है कि डच कंपनियों के सभी मुद्दों का एफटीएम के चरण में पहुंचने से पहले ही समाधान हो जाए। हम इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।

श्री इन्वेस्ट इंडिया के एमडी और सीईओ श्री दीपक बागला ने कहा कि आज का दिन हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। हस्ताक्षर समारोह दोनों भागीदार देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं और हम भारत-नीदरलैंड निवेश गलियारे को और अधिक मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करने की ओर अग्रसर हैं।

भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से 1947 में स्थापित किए गए थे। तब से ही दोनों देशों ने मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध और विभिन्न क्षेत्रीय सहयोग विकसित किए हैं।

आधिकारिक भारतीय आंकड़ों के अनुसार, नीदरलैंड भारत में चौथा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है। अप्रैल 2000 और जून 2022 के बीच, नीदरलैंड से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का संचयी प्रवाह लगभग 42.3 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है।

वर्ष 2021-2022 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 17 बिलियन अमरीकी डॉलर का रहा है। नीदरलैंड को भारत से होने वाले निर्यात में मुख्य रूप से खनिज ईंधन और खनिज आधारित उत्पाद, जैविक रसायन, विद्युत मशीनरी और उपकरण, एल्यूमीनियम, लोहा और इस्पात तथा दवा उत्पाद शामिल हैं।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news