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कैबिनेट: नीतीश सरकार ने खोला नौकरियों का पिटारा, 8,022 पदों पर भर्ती की दी स्वीकृति

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सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार दोपहर संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। बैठक में संविदा पर विशेष सर्वेक्षण अमीन के 6,300, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के 259, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो के 518, लिपिक के 518 पदों को स्वीकृति दी गई। इसके अलावा वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में 27 पद, अरवल मंडल कारा में 102 पद और पालीगंज उपकारा के विभिन्न कोटि के 98 और गृह विभाग में 200 पद सहित कुल 8,022 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।

नीतीश सरकार ने फार्मेसी और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहें छात्रों को भी दुर्गा पूजा और दीपावली का तोहफा दिया है। मेडिकल छात्रों के तर्ज पर फार्मेसी और नर्सिंग छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप दिया जाएगा। इन छात्रों को 1500 रुपये छात्रवृति के तौर पर दिया जाएगा। आज हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गयी है। बिहार वक्फ न्यायाधिकरण पटना के लिए एक ड्राइवर के पद का सृजन किया गया है।

कैबिनेट की बैठक में राज्य के जलाशयों में समग्र मात्स्यिकी विकास के लिए बिहार राज्य जलाशय मात्स्यिकी नीति 2020 की स्वीकृति दी गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत आकस्मिकता निधि से 43 करोड़ 93 लाख 85 हजार अग्रिम की स्वीकृति दी गयी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग की मांग संख्या-42 के अंतर्गत राज्यांश मद में तीन सौ चालीस करोड़ रुपये की राशि की आकस्मिकता निधि से अग्रिम की स्वीकृति दी गयी है।

नगरपालिका चुनाव और मतगणना प्रक्रिया का लाइव वेबकास्टिंग कराये जाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए आईटीआई लिमिटेड को एजेन्सी के रूप में काम करने की स्वीकृति दी गयी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग क अंतर्गत बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य योजना मद से 363 करोड़ 26 लाख 85 हजार रुपये खर्च किया जाएगा।

नीतीश सरकार ने बिहार विधानमंडल (सदस्यों के वेतन, भत्ता और पेंशन) नियमावली, 2006 के नियम 15 में संशोधन की स्वीकृति दी गयी है। साथ ही बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सचिव के पद पर अनुभवी पदाधिकारी विनोद कुमार निदेशक सह कार्यकारी सचिव की सेवानिवृत्ति के बाद संविदा क आधार पर 01 अक्टूबर, 2022 से एक वर्ष के लिए नियोजन किया गया है जबकि बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों का 01 जनवरी, 2016 से वेतन पुनरीक्षण को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है।

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