नवरात्र को लेकर हर ओर देवी मंत्रों और मां दुर्गा की चालीसा और आरती की धूम मची हुई है। नवरात्र के प्रथम दिन सोमवार की रात जिले के तमाम मंदिरों में आरती करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
पुराने समय से चले आ रहे परंपरा के अनुसार बड़ी संख्या में लोगों ने घर से दीप लाकर भगवती मंदिरों में जलाया। इस अवसर पर चर्चित शक्तिपीठ पुरानी दुर्गा स्थान बखरी में काशी से आए पुरोहितों की टोली द्वारा दुर्गा आरती शुरू हो गया है। पूरे नवरात्रि के दौरान यहां विशेष आरती का कार्यक्रम चलता रहेगा।
अस्सी गंगा घाट काशी से आए पांच पुरोहितों ने जब मंदिर परिसर में देर शाम जब मुख्य यजमान संजय कुमार सिंह को पूजा कराने के बाद सामूहिक आरती शुरू किया तो भीड़ उमड़ पड़ी तथा पूरा इलाका गूंज उठा। काशी के अर्चकों ने जब जय अंबे गौरी से शुरुआत की तो लग रहा था कि तंत्र साधना के प्राचीन स्थल का पूरा वातावरण शक्ति की भक्ति में एकाकार हो गया है।
इस दौरान एक घंटे से भी अधिक समय तक लोग मंत्रों और आरती की धुन पर शक्ति स्वरूपा भगवती से एकाकार हो गए। मंदिर पूजा समिति के अध्यक्ष ताराचंद सिंह तथा सचिव रत्नेश्वर सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष से मैया की आरती का विशेष प्रबंध किया गया है। नवरात्र में सभी दिन आरती के लिए अस्सी गंगा घाट से पांच पुरोहितों को बुलाया गया है, जो वैदिक रीति-रिवाज से सुबह-शाम मां की आरती करेंगे।
उन्होंने बताया कि वाराणसी के गंगा घाट की तर्ज पर मां की आरती की जाएगी। आरती के अलावा पूजा के लिए भी विद्वान पंडितों को बुलाया गया है। अध्यक्ष ने बताया कि शक्तिपीठ में यूं तो वर्ष भर मां की पूजा अर्चना एवं आरती के लिए स्थाई पुजारी नियुक्त हैं। परिहारा निवासी पंडित अमरनाथ चौधरी सालोंभर मंदिर में रहकर मां की पूजा संपन्न कराते हैं, लेकिन नवरात्र पर बुलाए गए विद्वान आचार्यों द्वारा पूजा कराई जा रही है।