सास-बहू वाले टीवी शो में जब किसी विलेन का किरदार पर्दे पर दिखता है तो सबसे पहला नाम सुधा चंद्रन का आता है। सुधा चंद्रन हिंदी सिनेमा में एक जाना-माना नाम हैं। वह अपने निगेटिव किरदारों के लिए जानी जाती हैं। टीवी शो के अलावा वह हिंदी फिल्मों में भी नजर आ चुकी हैं। ‘कहीं किसी रोज’ सीरियल में रमोला सिकंद, ‘नागिन’ सीरियल में यामिनी के किरदार से उन्होंने दर्शकों के बीच एक अलग पहचान बनाई है। तो चलिए सुधा चंद्रन के 57वें जन्मदिन के अवसर पर उनसे संबंधित कुछ बातें जानते हैं-

बहुत कम ही लोग जानते हैं कि सुधा ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्म ‘मयूरी’ से की थी जो कि उन्हीं की जिंदगी पर आधारित थी। बाद में ये फिल्म तमिल, मलयालम में डब की गई और इसका हिन्दी रीमेक ‘नाचे मयूरी’ बना। इसमें भी सुधा चंद्रन ने ही काम किया। दरअसल 17 साल की उम्र में हुए एक हादसे में सुधा का पैर काटना पड़ गया था। जिसके बाद उनका डांसिंग करियर खतरे में पड़ गया, लेकिन उन्होंने नकली पैर से तैयारी कर फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में पहचान कायम की।

सुधा महज साढ़े तीन साल की उम्र से ही डांस सीखने लगी थीं। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि डांस के बिना नहीं रह सकतीं। जब उनका एक्सीडेंट हुआ था, तब उन्हें लगा कि वे जीवन भर डांस नहीं कर पाएंगीं, लेकिन फिर उन्हें आर्टिफिशियल पैर मिला और फिजियोथैरपी की मदद से करीब 3 साल में वो अपने नकली पैरों पर चलना सीख पाईं।

इसी नकली पैर की बदौलत सुधा ने सिनेमा और डांस की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई। सुधा 90 के दशक से टीवी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। वह ‘अब तक ‘बहुरानियां’, ‘चंद्रकांता’, ‘कभी इधर कभी उधर’, ‘चश्मे बद्दूर’, ‘अंतराल’, ‘कैसे कहूं’, ‘कहीं किसी रोज’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी, ‘कस्तूरी’, ‘अदालत’ जैसे कई टीवी शोज में नजर आ चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया है।
