यह पहला मौका है जब आयोग ने बिजली कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन से जुड़े छह आईएएस अफसरों को एक साथ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत नोटिस जारी किया है। इस धारा के तहत आयोग के आदेशों के उल्लंघन पर व्यक्तिगत रूप से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सोमवार को आयोग में इस मामले पर आयोग में एक लोक महत्व की अवमानना याचिका दाखिल की। इसमें बिजली कंपनियों पर नियामक आयोग के आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 व 146 के तहत कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। साथ ही बिजली कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं से ज्यादा एस्टीमेट के जरिए वसूल की गई अतिरिक्त धनराशि ब्याज समेत वापस दिलाने की मांग भी की गई।
नोटिस में आयोग ने बिजली कंपनियों को आड़े हाथ लेते हुए नाराजगी भरे लहजे में कहा है कि जिस प्रकार आयोग के आदेश का उल्लंघन किया गया है वह अवमानना की श्रेणी में आता है जिसे माफ नहीं किया जा सकता। यह किसी आदेश का उल्लंघन नहीं बल्कि कास्ट डाटा बुक का उल्लंघन है जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत एक कानून है।
उपभोक्ताओं की जेब पर डाका
दोषी अफसरों को जेल भेजा जाए