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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अनुसूचित जातियों के लिए ऋण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी

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केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री  निर्मला सीतारमण कल यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अनुसूचित जातियों के लिए ऋण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी। इस बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति (एससी) आयोग के अध्यक्ष और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और सिडबी, नाबार्ड जैसे वित्तीय संस्थानों के प्रमुख भी शामिल होंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी और डॉ. भागवत किसानराव कराड, सचिव, और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) भी शामिल होंगे।
सरकार ने विशेषकर अनुसूचित जातियों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं जिनमें स्टैंड-अप इंडिया योजना, अनुसूचित जातियों के लिए ऋण संवर्धन गारंटी योजना (सीईजीएसएससी) और अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजी कोष शामिल हैं। इन योजनाओं के अलावा सरकार ने समाज के सभी वर्गों के समावेशी विकास पर विशेष जोर दिया है।

बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय के व्यक्तियों को दिए गए ऋणों के साथ-साथ स्टैंड अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम), सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), शिक्षा ऋण, अनुसूचित जातियों के लिए ऋण संवर्धन गारंटी योजना (सीईजीएसएससी), अनुसूचित जाति के लिए उद्यम पूंजी कोष जैसी विभिन्न ऋण योजनाओं के तहत भी इन व्यक्तियों को दिए गए ऋणों की समीक्षा बैठक के दौरान की जाएगी।

बैंकों में अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किए गए उपायों की भी समीक्षा इस बैठक के दौरान की जाएगी। समीक्षा के दौरान आरक्षण, बैकलॉग रिक्तियों एवं उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों और कल्याण संघों के साथ बैठकों सहित कल्याण और शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था के कामकाज, मुख्य संपर्क अधिकारियों (सीएलओ) की नियुक्ति, शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के गठन, इत्‍यादि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

सरकार ने विशेषकर अनुसूचित जातियों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं जिनमें स्टैंड-अप इंडिया योजना, अनुसूचित जातियों के लिए ऋण संवर्धन गारंटी योजना (सीईजीएसएससी) और अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजी कोष शामिल हैं। इन योजनाओं के अलावा सरकार ने समाज के सभी वर्गों के समावेशी विकास पर विशेष जोर दिया है।

बैंकों द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय के व्यक्तियों को दिए गए ऋणों के साथ-साथ स्टैंड अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम), सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई), शिक्षा ऋण, अनुसूचित जातियों के लिए ऋण संवर्धन गारंटी योजना (सीईजीएसएससी), अनुसूचित जाति के लिए उद्यम पूंजी कोष जैसी विभिन्न ऋण योजनाओं के तहत भी इन व्यक्तियों को दिए गए ऋणों की समीक्षा बैठक के दौरान की जाएगी।

बैंकों में अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किए गए उपायों की भी समीक्षा इस बैठक के दौरान की जाएगी। समीक्षा के दौरान आरक्षण, बैकलॉग रिक्तियों एवं उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों और कल्याण संघों के साथ बैठकों सहित कल्याण और शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था के कामकाज, मुख्य संपर्क अधिकारियों (सीएलओ) की नियुक्ति, शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के गठन, इत्‍यादि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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