भारत में महिलाओं को देवी का रूप माना जाता है। बुद्धि, संपत्ति और शक्ति की देवी रूप में सरस्वती, लक्ष्मी और दुर्गा की पूजा की जाती है। महिलाओं में समय-समय पर यह तीनों गुण प्रगट होते हैं। गुजरात के दहेज में स्थित जापानी टायर कंपनी योकोहामा की एक युनिट का जिम्मा युवतियों के कंधों पर है। इन महिलाओं के दमखम का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
योकोहामा ऑफ-हाईवे टायर्स के दहेज स्थित संयंत्र में महिलाओं की टीम के आश्चर्यजनक परिणाम देखने मिले, नतीजतन दुनिया की अग्रणी ऑफ-आईवे टायर निर्माता कंपनी ने शॉप-फ्लोर के लिए महिलाओं की नियुक्ति पर काम शुरू किया। शुरुआती दिनों में कंपनी प्रबंधन को महिलाओं की कार्य शक्ति को लेकर आशंकाएं थीं लेकिन इन महिलाओं ने सारे संदेहों को अपने दम पर किनारे करते हुए अपने कौशल, लगन और दमखम का लोहा मनवाया। महिलाओं की कुशलता से प्रसन्न होकर कंपनी ने एक वीडियो जारी किया । नवरात्रि उत्सव के चलते यह वीडिओ काफी वायरल हो रहा है। वहीं महिलाओं का दमखम और उन्हें प्रोत्साहित करने की कंपनी पॉलिसी को लेकर सोशल मीडिया पर यह वीडियो प्रशंसा बटोर रहा है।
इस वीडियो में योकोहामा कंपनी के एचआर प्रमुख धर्मेश खनसारा कहते हैं कि, जब हमने महिलाओं को काम पर रखना शुरू किया, तो हम बहुत अधिक संशय में थे क्योंकि हमें बहुत सारी आशंकाएँ थीं। लेकिन, हम उनकी मुस्तैदी, उत्पादकता से बहुत हैरान थे, जो उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में बहुत अधिक है। उन्होंने फरवरी 2019 में इंडक्शन और ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद पहला टायर उतारा और पहले ट्रक और बस रेडियल यूनिट में शामिल किया गया और फिर फरवरी 2020 में रेडियल ओटीआर (ऑफ-द-रोड) यूनिट तक बढ़ा दिया गया।
वहीं, योकोहामा टायर्स के दहेज स्थित प्लांट हेड आदित्य शुक्ला कहते हैं कि, हम इन महिलाओं की क्षमता से इतने प्रभावित हैं कि, हम उन्हें वुमन (महिला) नहीं बल्कि सुपर वुमन कहते हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में शॉप फ्लोर पर शून्य प्रतिशत महिलाओं से अब 7 प्रतिशत महिला कार्यबल तक, कंपनी का लक्ष्य 2022 तक 15 प्रतिशत को छूना है। योकोहामा के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भी इन महिलाओं के जज्बा, जुनून और कौशल देख कर काफी प्रभावित नजर आए।
जापान के टोक्यो स्थित योकोहामा रबर ने अपने विभिन्न ऑफ-हाईवे व्यवसायों को योकोहामा ऑफ-हाईवे टायर्स नामक एक एकल इकाई में शुरू किया। समूह के पूरे जापान में सात संयंत्र हैं (तीन) भारत (दो तिरुनेलवेली और दहेज में और तीसरा विशाखापत्तनम में) एक इज़राइल में है। इन सभी संयंत्रों मे महिलाएं कार्यरत हैं। लेकिन भारत के तीनो संयंत्रों मे महिलाओं की भागीदारी लगभग 50 फीसदी है। वहीं, इन महिलाओं की अद्भुत क्षमता के चलते भारतीय समाज उनमें देवी का रूप देख रहा है।