भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केन्द्रीय अंतरस्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी) प्रयागराज द्वारा रविवार को यमुना नदी के तट पर ‘विश्व नदी दिवस’ का आयोजन किया गया। इस वर्ष के विश्व नदी दिवस का मूल विषय ‘जैव विविधता के लिए नदियों का महत्व’ था।
नमामि गंगे के प्रतिनिधि राजेश शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम प्रयागराज के करैलाबाग घाट पर तथा दिल्ली में सोनिया विहार यमुना घाट पर मनाया गया। इसमें नदी की महत्ता और बचाने के प्रयास पर संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विचार व्यक्त किये गये। साथ ही नदियों को लुप्त न होने देने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर संस्थान के केंद्राध्यक्ष डॉ. धर्मनाथ झा ने उपस्थित लोगों से कहा कि नदियां प्रकृति का उपहार है, जिसमें जैव विविधता पोषण और संरक्षण होता है। इसलिए इसे बनाए रखने का सतत प्रयास होना चाहिए। इसके लिए नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में कीटनाशकों और प्लास्टिक का उपयोग न करें। अधकचरा जैविक और अकार्बनिक कचरे को नदियों में न बहने दें। कृषि औद्योगिक एवं घरेलू उपयोगों के लिए अनावश्यक जल की खपत को कम करें। वनरोपण करके नदियों के कटाव को रोकें आदि का प्रयास करना चाहिए। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अबसार आलम एवं डॉ. वी आर ठाकुर ने लोगों से मत्स्य विविधता के महत्व और संरक्षण के उपाय के बारे में बताया।
समारोह में करैलाबाग के सभापति नंदलाल निषाद ने लोगों से जल और मत्स्य संरक्षण पर ध्यान देने के लिए कहा। कार्यक्रम में नमामि गंगे के प्रतिनिधि राजेश शर्मा ने सभा को सम्बोधित करते हुए नदियों को स्वच्छ रखने का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर नदी तट पर निवास करने वाले सामान्य जन मछुआरे, व्यवसायी, स्नानार्थी एवं विद्यार्थी आदि ने भाग लिया और अपना विचार रखा। उपस्थित सभी श्रोताओं ने नदी को स्वच्छ रखने और बचाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया।