जिसका अंदेशा था, आखिरकार वही हुआ। नगरपालिका बोर्ड के मौजूदा कार्यकाल की अंतिम बैठक गुरुवार को हंगामे की भेंट चढ़ गयी। कुछ सभासदों के विरोध के चलते एक भी प्रस्ताव पर विचार-विमर्श अथवा अनुमोदन नहीं हो सका। बवाल के बीच चेयरमैन बैठक से निकलकर बाहर चले गये। बोर्ड की बैठक को लेकर नगर पालिका कार्यालय परिसर में पुलिस व पीएसी के जवानों की तैनाती की गयी थी। अध्यक्ष के अनुसार जल्द ही दोबारा बैठक बुलायी जायेगी।
करीब 11 माह बाद नगर पालिका बोर्ड की गुरुवार को बैठक बुलायी गयी थी। इसमें 12 बिंदुओं पर चर्चा तथा प्रस्ताव होना था। इसके लिये नपा कार्यालय सुबह से ही छावनी में तब्दील हो चुकी थी। पुलिस के साथ ही पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। दोपहर एक बजे से शुरू हुई बैठक में चेयरमैन, ईओ के साथ ही सभासद तथा उनके प्रतिनिधि पहुंचे थे। निर्धारित वक्त से कुछ देर से शुरु हुई बैठक में कुछ देर बाद ही हंगामा होने लगा। इसके बाद बाहर मौजूद फोर्स बैठक कक्ष में पहुंच गयी। कुछ देर बाद चेयरमैन अजय कुमार बैठक कक्ष से बाहर निकले तथा बाइक पर बैठकर चले गये। इसके बाद बगैर किसी कार्रवाई के बैठक समाप्त हो गयी।
इस सम्बंध में नपा अध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि बोर्ड की बैठक में सभी सभासद मौजूद थे। कुछ सभासद प्रस्तावित बिंदुओं पर विचार-विमर्श शुरु होते ही अपने भुगतान की फाइल पर हस्ताक्षर कराने का प्रयास करने लगे। उनका कहना है कि मना करने पर वह हंगामा करने लगे लिहाजा बैठक को समाप्त कर दिया गया। उनका कहना है कि बोर्ड की बैठक दोबारा ही जल्द कराई जायेगी। कहा कि कार्यों की टीएसी जांच के लिए नगर विकास मंत्री को हमने पत्र लिखा है। ऐसे में भुगतान की फाइल पर हस्ताक्षर के लिए कुछ सभासद दबाव बना रहे थे।