शासन के निर्देश पर मदरसों का निरीक्षण करने गुरुवार को जिला अल्पसंख्यक अधिकारी प्रभात कुमार, एसडीम हर्षिता तिवारी व बीईओ दीनानाथ साहनी पहुंचे। टीम के पहुंचते ही बिना मान्यता प्राप्त संचालकों में हडकंप मच गया। टीम के सदस्यों ने निर्धारित बिंदुओं पर जांच पड़ताल करते हुए खामियां मिलने पर संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा। इस दौरान एक मदरसा की मान्यता नहीं मिली। वहीं कई मदरसे फंडिंग का ब्योरा उपलब्ध नहीं करा सके।
बिना मान्यता के संचालित हो रहे मदरसों की रिपोर्ट तैयार कराने के लिए शासन की ओर से निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में गुरूवार को एसडीएम हर्षिता व बीईओ मदरसा अरबिया अंसारिया यूसुफपुर, मदरसा फैजुल कुरान मुहम्मदाबाद, एवं मस्जिद में चल रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसा तनीबीजुल उलूम यूसुफपुर निरीक्षण किया। जांच के दौरान मदरसा तनीबीजुल उलूम की मान्यता नहीं होने के साथ ही मदरसे में बिहार के 25 छात्र पाए गए, जिनके पास कोई आधार कार्ड एवं पहचान पत्र नहीं मिला। जिसके बाद जांच टीम ने मदरसा संचालक से तत्काल इसके संबंध में स्पष्टीकरण मांगा।
अध्यापकों ने बताया कि इस मदरसे में मोहल्ले के 40 अन्य बच्चे सुबह 7:00 बजे से दीनी तालीम एवं हिब्ज की पढ़ाई करने के लिए आते हैं। इसके बाद सरकारी विद्यालयों में पढ़ने के लिए चले जाते हैं। इसके बाद जांच टीम मदरसा अरेबिया अंसारिया यूसुफपुर पहुंची। जहां पर उपस्थिति रजिस्टर जांचा, जिसमें तेरह शिक्षक उपस्थित मिले, जबकि दो पद रिक्त मिला। छात्रों की पंजिका रजिस्टर की भी जांच की। इसमें हाईस्कूल स्तर पर 40, जूनियर हाई स्कूल स्तर पर 90 और प्राथमिक विद्यालय स्तर पर 383 बच्चे पंजीकृत मिले। मदरसा फैजुल कुरान मुहम्मदाबाद पहुंच कर टीम ने वहां पर एमडीएम रजिस्टर मांगा तो एमडीएम रजिस्टर नहीं मिला। तीनों मदरसा संचालकों से जांच अधिकारियों ने फंडिंग के बारे में ब्योरा उपलब्ध ना कराए जाने पर नाराजगी जाहिर की। खंड शिक्षा अधिकारी दीनानाथ साहनी ने बताया कि तीनों मदरसों की जांच में मिली खामियों को लेकर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं इसकी रिपोर्ट तैयार कर अल्पसंख्यक विभाग को भेज दी जाएगी।