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हड़ताल, दंगे और उपद्रव में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की अराजक तत्वों से ही की जाएगी वसूली

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मुजफ्फरनगर दंगा 2013: फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश में हड़ताल, बंद, दंगा, उपद्रव और विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली दंगाइयों, उपद्रवियों और प्रदर्शनकारियों से की जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश – विधानसभा ने उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित किया गया।

हड़ताल, बंद, दंगा, उपद्रव और विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर हिंसात्मक कृत्यों से निपटने और उसकी तीव्रता को नियंत्रित करने, दंगे और उपद्रव के दौरान सरकारी और निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली का उपबंध करने और  क्षतियों का अन्वेषण कर प्रतिकर वसूली के लिए दावा अधिकरण का गठन करने के लिए उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2020 लागू किया गया था। मामला उच्च न्यायालय में जाने पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब संशोधित विधेयक पेश किया गया है।

इसके तहत सरकारी या निजी संपत्ति की क्षति, उससे हुई व्यक्तिगत क्षति की वसूली से संबंधित कार्यवाही करने के लिए दावा अधिकरण को कार्यवाहियों के अन्तरण से संबंधित उपबंधों को ‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर शामिल करने, दावा याचिकाओं को दाखिल करने में विलंब को माफ करने के प्रयोजन से दावा अधिकरण को न्यायिक वैवेकिक शक्ति देने, मामलों का स्वप्रेरणा से संज्ञान लेने, हड़ताल, बंद, दंगे, उपद्रव के दौरान क्षतिग्रस्त लोगों के लिए प्रतिकर का उपबंध ककरने के लिए पूर्व में लागू अधिनियम में संशोधन किया है। 

मामला उच्च न्यायालय में जाने पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब संशोधित विधेयक पेश किया गया है।

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