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शिक्षकों की प्रताड़ना से आहत छात्र ने की खुदकुशी, नकल करने पर पिटाई के साथ किया था बेइज्जत

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यश सिंह (फाइल फोटो)

मैंने पेपर में चीटिंग की। बॉयोलॉजी के पेपर में। मैं मरने जा रहा हूं। इसके लिए मेरे अंकल-आंटी, मम्मी-पापा को दोष मत देना। गलती करने के बाद किसी को एक मौका जरूर देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मैं अपनी गलती पर खूब रोया। मैं शर्मिंदा था। मेरे साथियों ने भी शेम-शेम बोला। अब मेरा दिमाग मेरे वश में नहीं है। मुझे बुरे ख्याल आ रहे हैं। मैं माता-पिता, साथियों व टीचर्स से सॉरी बोलता हूं।’

नकल करना एक गलती हो सकती है। मगर क्या यह इतनी बड़ी गलती है कि इसके लिए उसे प्रताड़ित किया जाए? पिटाई और बेइज्जत किया जाए? अगर ऐसी गलती हो गई है तो क्या उसे दूसरा मौका नहीं दिया जाना चाहिए? ऐसे कई सवालों को समझाने और हम सबको सबक देने के लिए रायबरेली के सातवीं कक्षा के एक छात्र को खुदकुशी करनी पड़ी। उसने सुसाइड नोट में यही सारे सवाल उठाए हैं।

रायबरेली में मिल एरिया थाना क्षेत्र के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र यश सिंह मौर्य (12) ने शिक्षिका व प्रधानाचार्य की प्रताड़ना से आहत होकर बृहस्पतिवार को पंखे के हुक से दुपट्टे से लटककर जान दे दी। गुरुवार को बायोलॉजी की परीक्षा में नकल करते पकड़ने पर शिक्षिका ने उसकी न सिर्फ पिटाई की बल्कि सबके सामने अपमानित भी किया। फिर प्रधानाचार्य के पास ले गईं। उन्होंने भी उसी तरह अपमानित किया। इससे क्षुब्ध यश घर पहुंचा और बिना कुछ कहे घर के सबसे ऊपर वाले कमरे में चला गया। सुसाइड नोट लिखकर पंखे से लटक गया।

पिता राजीव मौर्या समेत अन्य घरवालों ने आरोप लगाया कि यश यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका। सीओ सदर वंदना सिंह ने बताया कि उनकी शिकायत पर प्रधानाचार्य रजनाई डिसूजा और शिक्षिका मोनिका मागो पर केस दर्ज कर लिया गया है।

यश के पिता राजीव मौर्या का कहना है कि अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए बच्चे को रायबरेली में अपने से दूर चाचा के पास रखा था। मुझे क्या पता था कि मेरा बच्चा अध्यापकों की वजह से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।

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