प्रदेश के अन्तरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को सरकार की ओर से विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। राज्य में बीते पांच वर्षों में खेल रत्न पुरस्कार नहीं दिया गया है। यह जानकारी युवा मामलात एवं खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने गुरुवार को विधानसभा में दी। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए प्रशिक्षक लगाना एक सतत प्रक्रिया है।
प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष 500 कोच लगाने की बजट घोषणा है। इन कोचों की प्रतिनियुक्ति पूर्ण होते ही रिटेंडरिंग करके पुनः उसी कोच को लगा दिया जाता है। इससे पहले चांदना ने विधायक मीना कंवर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 से अब तक प्रदेश के अन्तर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडियों को राजस्थान क्रीडा सहायता अनुदान नियम 2016 के अनुसार अनुदान राशि दी गई है। उन्होंने इसका वर्षवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की दरों के अनुसार पूर्व में ओलम्पिक खेल में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक जीतने पर क्रमश 75 लाख, 50 लाख, 30 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान था, जिसे बढाकर अब ओलम्पिक खेल में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक जीतने पर क्रमश 3 करोड, 2 करोड एवं 1 करोड तथा एशियन अथवा कॉमनवैल्थ गेम्स में स्वर्ण, रजत, कांस्य पदक जीतने पर क्रमश 1 करोड, 60 लाख एवं 30 लाख रूपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
चांदना ने बताया कि प्रदेश के खिलाडियों द्वारा पैरा ओलम्पिक में अवनि लेखरा को शूटिंग में एक स्वर्ण एवं एक कांस्य पदक पर 4 करोड की राशि, कष्णा नागर को बैडमिन्टन में स्वर्ण पदक पर 3 करोड, देवेन्द्र झांझडिया को जैवेलियन थ्रो में रजत पदक पर 2 करोड तथा सुन्दर सिंह गुर्जर को जैवेलियन थ्रो में कांस्य पदक पर 1 करोड की राशि प्रदान की गई है। राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को नियमानुसार टीए डीए की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने इसकी सूचना सदन के पटल पर रखी।
युवा मामलात एवं खेल राज्य मंत्री ने बताया कि बिना पारी नियुक्ति नियम 2017 का सरलीकरण करते हुए संशोधित नियम 2020 के अन्तर्गत पदक विजेता खिलाडियों को प्रवर्ग ए में 13 खिलाडी, प्रवर्ग बी में 21 खिलाडी एवं प्रवर्ग सी में 195 खिलाडियो को नियुक्ति प्रदान की गई है। अब तक कुल 229 खिलाडियों को नियुक्ति प्रदान की गई। राज्य एवं राज्य से बाहर होने वाली प्रतियोगिताओं में खिलाडियों के दैनिक भत्तों में 600 रुपये के स्थान पर 1000 रुपये की बढोतरी की गई हैा उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय अथवा अन्तरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाडियों को सरकारी नियुक्ति में 2 प्रतिशत आरक्षण सरलीकरण करके लगभग 344 खिलाडियों को नियुक्ति प्रदान की गई है।
चांदना ने खेल रत्न दिए जाने के मापदण्ड की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि अब तक विभिन्न खेलों में सेवादाता द्वारा 493 अल्पकालिक प्रशिक्षक अनुबंध पर लगाए गये हैं। उन्होंने इसकी सूची सदन के पटल पर रखी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुल 81 स्थाई प्रशिक्षक ग्रेड प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय में लगे हुए हैं। उन्होंने इसकी सूची सदन के पटल पर रखी।