दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस अमित बंसल ने फैसला सुरक्षित रखने का आदेश दिया।
उप-राज्यपाल ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले बयान दिए। आप नेताओं ने सक्सेना पर खादी ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए 2016 में नोटबंदी के समय भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को ऐसे आरोप लगाने से रोकने की मांग की है।
सुनवाई के दौरान सक्सेना की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि उसने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर झूठे आरोप लगाए और छवि खराब करने की कोशिश की।