अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत को घेरने की कोशिश में पाकिस्तान को ऐसे पलटवार का सामना करना पड़ा, जिसने उसकी बोलती बंद कर दी। यूएनईएस में अल्पसंख्यक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में भारत की तरफ से यूएनईएस के संयुक्त सचिव श्रीनिवास गोत्रू ने कहा कि यह विडंबना है कि अल्पसंख्यक अधिकारों के गंभीर उल्लंघन का शर्मनाक इतिहास रखने वाला पाकिस्तान अल्पसंख्यक अधिकारों की बात कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों को खत्म कर दिया। सिख, हिंदु, ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ-साथ अहमदियों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन जारी है। वहां कई ऐसे समुदाय हैं जो विलुप्त होने की स्थिति में हैं। बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चों, खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह किया जा रहा है। ऐसे में शर्मनाक रिकॉर्ड वाले पाकिस्तान का अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर बात करना `अद्भुत’ है। जबकि भारत में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए एक विशेष मंत्रालय है जो धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की देखभाल करता है।
दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र में दावा किया था कि भारत हिंदू राज्य में बदल रहा है और मुसलमानों के खिलाफ नफरत की विचारधारा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।