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अभिलेख जमा न होने से किसानों को कैसे मिलेगा बर्बाद फसल का मुआवजा

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PMFBY: 36 करोड़ किसानों ने अब तक लिया योजना का लाभ, 1 लाख करोड़ रुपए से  अधिक का हुआ भुगतान | TV9 Bharatvarsh

केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को भरोसा दिलाने के बाद अधिकारियों ने नहीं ली सुध

जिले के चुनार तहसील अंतर्गत विकास खंड सीखड़ में बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसान परेशान हैं। गोरईयां, बटौवां समेत अन्य गांवों के लेखपाल ना तो ग्रामीणों का फोन उठा रहे हैं और ना उनको कोई बता पा रहा है कि उनकी बर्बाद फसलों के लिए मिलने वाली मुआवजा राशि कैसे प्राप्त होगा।

दरअसल, बाढ़ के दौरान जब केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल सीखड़ क्षेत्र में आई थी, तब किसानों ने पिछले वर्ष का मुआवजा न मिलने की बात उनके समक्ष रखी थी। उस समय उपस्थित अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था कि इस बार सबको समय से उचित मुआवजा राशि दिलायी जाएगी, लेकिन बाढ़ के बाद फिर वही हाल है जैसा पिछले वर्ष हुआ था। किसान मुआवजा राशि पाने के लिए वर्ष भर तहसील का चक्कर काटते रहें। इस वर्ष भी बाढ़ से फसल बर्बाद होने पर अभी तक लेखपालों द्वारा अभिलेख नहीं जमा कराए हैं ऐसे में मुआवजा कैसे मिलेगा यह सोचकर किसान परेशान हैं।

किसान विजय शंकर, ज्ञानधर शुक्ल, राजीव पाठक आदि ने बताया कि लेखपालों को अधिकारियों का कोई डर नहीं है और वे मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं जिससे किसान परेशान हैं, उनको तहसील का चक्कर लगाना पड़ता है।

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