
फिल्मों में अपने खूंखार किरदारों के लिए मशहूर गुलशन ग्रोवर अपनी ऑनस्क्रीन छवि के चलते रियल लाइफ में भी लोगों के डर का शिकार हो जाते थे। फिल्मों में अपनी खास तरह की हंसी, विलेन की भूमिकाओं और डायलॉग डिलिवरी के स्टाइल की वजह से उन्हें इंडस्ट्री का ‘बैडमैन’ कहा जाने लगा। लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि अपनी रील लाइफ छवि से अलग अभिनेता असल जिंदगी में काफी अलग थे। दरअसल, असल लाइफ में गुलशन ग्रोवर काफी अच्छे और सुलझे हुए इंसान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपनी इस खूंखार छवि के लिए खुद गुलशन ही जिम्मेदार हैं।

दरअसल, एक्टर इंडस्ट्री में आए तो हीरो बनने थे लेकिन उन्हें ऐसा एहसास हुई कि वे विलेन के किरदार में ज्यादा बेहतर जमेंगे। बस फिर क्या था अभिनेता ने अपने दिल की आवाज सुनई और भारतीय सिनेमा के मशहूर और खूंखार खलनायकों में से एक बन गए। अभिनेता से इसी फैसले से जुड़ा एक किस्सा बेहद प्रचलित है। दरअसल, निर्माता जे.एस कश्यप को गुलशन की एक्टिंग बेहद पसंद थी। अभिनेता के अभिनय से प्रभावित निर्माता उन्हें बतौर हीरो साइन करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। दरअसल, गुलशन को लगता था कि बतौर विलेन के रोल में उनका फिल्मी करियर बेहतरीन चल रहा है। ऐसे में हीरो का रोल करने के बाद उनका करियर खराब ना हो जाए।

करियर की बात करें तो गुलशन ग्रोवर ने हम पांच,सोनी महिवाल, दूध का कर्ज, इज्जत, सौदागर,कुर्बान, राम लखन, इंसाफ कौन करेगा,अवतार, क्रिमनल ,मोहरा, दिलवाले, हिंदुस्तान की कसम, हेराफेरी, इंटरनेशनल खिलाडी, लज्जा, एक खिलाडी एक हसीना, दिल मांगे मोर, कर्ज, गंगा देवी, एजेंट विनोद, बिन बुलाये बाराती, यारियां और सूर्यवंशी जैसी फिलों में भूमिकाएं निभाई हैं। 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय करने वाले गुलनश ग्रोवर का बचपन बेहद गरीबी में बिता और उनको फिल्मों में आने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा।
