वहीं वैचारिक संगठन भी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को उनसे जुड़े क्षेत्रों के लोगों के बीच रखेंगे। संघ की ओर से रविवार से निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में दो दिवसीय समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। आर्थिक समूह की बैठक में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, श्रम मंत्री अनिल राजभर सहित सरकार के मंत्री शामिल हुए।
बैठक में सहकार भारती, भारतीय किसान यूनियन, लघु उद्योग भारती सहित अन्य संगठनों ने भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह और संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अनिल कुमार व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में फीडबैक रखा। वैचारिक संगठनों ने श्रम कानूनों में सुधार का सुझाव देते हुए बताया कि श्रम विभाग के अधिकारी संगठन को बिलकुल सहयोग नहीं करते है।
वहीं सहकारिता विभाग की ओर से खाद वितरण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। सहकार भारती ने पैक्स को बहुपयोगी बनाने का सुझाव दिया। लघु उद्योग स्थापित करने में विभिन्न विभागों की एनओसी नहीं मिलने और जीएसटी से जुड़ी हुई समस्याएं भी रखी गईं। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने आश्वासन दिया कि आर्थिक मामलों से जुड़ी समस्याओं और सुझावों पर वह 15 दिन बाद फिर बात करेंगे। सरकार के स्तर से जो भी समाधान हो सकेगा वह अवश्य किया जाएगा।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने इन मुद्दों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया। सुरक्षा समूह से जुड़ी बैठक में प्रदेश में कानून व्यवस्था की प्रशंसा की गई। वहीं गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
दो दिन तक चली समन्वय बैठक में सामने आए सुझावों पर सोमवार शाम मुख्यमंत्री के साथ हुई समन्वय बैठक में चर्चा की गई। संघ के पदाधिकारियों ने भी किसानों, श्रमिकों, शिक्षा, उद्योग एवं व्यापार से जुड़े फीडबैक की जानकारी दी। करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में सरकार ने संघ के फीडबैक के आधार पर विभिन्न विभागों के स्तर से उचित समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने भी सरकार के दूसरे कार्यकाल की छह महीने की उपलब्धियां सहित आगामी योजनाओं को रखा।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फीडबैक महत्वपूर्ण
सूत्रों के मुताबिक संघ और भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 की जमीनी तैयारियां शुरू कर दी है। संघ वैचारिक संगठनों से मिले फीडबैक के आधार पर कील-कांटे दुरुस्त करना चाहता है। जिससे भाजपा के साथ सरकार की चुनावी राह भी आसान की जा सके।