भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र से पहले अनेक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठक कीं। जयशंकर ने भारत-सीईएलएसी बैठक के साथ इसकी शुरुआत की। जयशंकर ने अपनी कूटनीति बैठक लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई समूह (सीईएलएसी) के प्रमुखों के साथ की। इसके साथ ही सात विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की। भारत-सीईएलएसी बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने भारत-सीईएलएसी मंच को पुनर्जीवित करने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने लैटिन अमेरिकी देशों के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव पर प्रसन्नता व्यक्त की और भारत-सीईएलएसी संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा की।
उन्होंने आपसी हितों के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय निकायों में अपने सहयोग को स्वीकार किया और संयुक्त राष्ट्र के सुधारों और जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए।
एस जयशंकर सबसे पहले अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो, जो लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई राज्यों के समुदाय के अस्थायी अध्यक्ष हैं, के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने भारत-सीईएलएसी सहयोग की समीक्षा की। भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में व्यापार, वाणिज्य, कृषि, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य, वैक्सीन उत्पादन और रसद पर कोविड महामारी आर्थिक सुधार पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई गई।
इसके अलावा बैठक में ग्वाटेमाला के विदेश मंत्री मारियो एडोल्फो बुकारो फ्लोर्स और त्रिनिदाद और टोबैगो के अमेरी ब्राउन और कोलंबिया के बहुपक्षीय मामलों के उप मंत्री लौरा गिल सावस्तानो मौजूद रहे। जयशंकर ने ट्वीट में उनके विचारों के लिए धन्यवाद दिया है और कहा कि हम एक साथ आगे बढ़ेंगे। एक ऐसे क्षेत्र में जहां भारत ने अपनी कूटनीति को बढ़ावा दिया है। त्रिनिदाद और टोबैगो के विदेश मंत्री ब्राउन के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि यह हमारे 60 साल के राजनयिक संबंधों का उत्सव है। हम पारंपरिक रूप से मजबूत सहयोग को और मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।
एस जयशंकर ने अल्बानिया के विदेश मंत्री ओल्टा जहाका और माल्टा के विदेश मंत्री इयान बोर्ग से भी मुलाकात की। इयान बोर्ग के साथ बैठक के दौरान, जयशंकर ने यूएनएससी के लिए उनके चुनाव पर उन्हें बधाई दी और संयुक्त राष्ट्र और राष्ट्रमंडल में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर भी सहमति जताई। बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि यूक्रेन और ऊर्जा सुरक्षा पर विचारों का आदान-प्रदान किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमारे घनिष्ठ सहयोग की सराहना की और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौरी से भी मुलाकात की। मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, संयुक्त महासभा से इतर मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौरी से मिलकर अच्छा लगा। रक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से बढ़ रहे हैं। हरित हाइड्रोजन और अमोनिया, शिक्षा क्षेत्र जैसी नई पहल में सहयोग और बढ़ावा देने पर सहमति बनी।
इंडोनेशिया के बाली में नवंबर में होने वाली जी20 शिखर सम्मेलन से पहले, जयशंकर ने अमेरिकी यात्रा के दौरान इंडोनेशियाई विदेश मंत्री रेटनो मार्सुडी से मुलाकात की। इसके बाद एस जयशंकर ने क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिग्ज पैरिला से मुलाकात की।
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर 18 से 24 सितंबर तक न्यूयॉर्क में रहेंगे। वह 25 से 28 सितंबर तक वाशिंगटन डीसी का दौरा करेंगे। जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में हिस्सा लेने के लिए रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे। 20 सितंबर से शुरू हो रहे महासभा के सत्र को जयशंकर 24 सितंबर को संबोधित करेंगे।