राजद के लाख कहने के बाद भी वह ‘एमवाई’ की ही पार्टी है। आखिरकार लालू प्रसाद यादव ने यह साबित कर ही दिया। यह कहना है पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का। राजद के दोनों राज्यसभा उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बाद सुशील मोदी ने एक के बाद कई ट्विट करते हुए राजद की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि ‘राजद के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद, नैतिकता तो कोई मुद्दा ही नहीं है। राजद परिवार से बाहर निकल ही नहीं सकता है। परिवार में ही किसी दूसरी बहन को टिकट देते लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जिन पर हैं उन्हें पुनः राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया।
सुशील मोदी ने लगातार पांच ट्विट किया। उन्होंने लिखा है- राजद लाख ए टू जेड की बात कर ले, परंतु न तो वह माई से बाहर निकल सकता है और ना ही परिवार से। राज्यसभा में टिकट का मौका आया तो बाबा और जगता बाबू को दरकिनार कर परिवार और माई को ही तरजीह मिली।
उन्होंने आगे ट्विट में कहा है कि बाबा को नहीं बनाया तो समझ में आ सकता है। क्योंकि, लालू जी की दुर्दशा के लिए बाबा ही जिम्मेवार हैं लेकिन जगता बाबू जिन्होंने लालू जी के जेल जाने के बाद खडाऊं को ईमानदारी से संभाल कर रखा और जो पार्टी का अध्यक्ष के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं उन को अपमानित कर राज्यसभा नहीं भेजा।
सुशील मोदी ने कहा है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने 144 में 76 टिकट माई समीकरण को दिया। भूमिहार को एक और कुर्मी को भी मात्र एक टिकट दिया। माई के एम को 18 और वाई को 58 टिकट दिया। अब लालू परिवार के चार सदस्य संसद और विधान मंडल में है।राज्यसभा के छह में से दो सदस्य जेल रिटर्न (अशफाक करीम, अमरेंद्र धारी सिंह) हैं। दो चार्जशीटेड हैं और बेल पर हैं। चार धन पशु हैं, जिनकी योग्यता केवल धन है। ऐसी पार्टी 15 साल सत्ता में थी तो लोगों ने देखा है और यदि पुनः गलती से लौट आए तो बिहार का क्या होगा?’
उल्लेखनीय है कि राजद ने राज्यसभा की दो सीटों में से एक पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी बेटी मीसा भारती और दूसरी सीट पर मधुबनी में मेडिकल कॉलेज चलाने वाले फैयाज अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो एक मुस्लिम समुदाय से लाते है। इस तरह से लालू ने यादव और मुस्लिम (एमवाई) समुदाय को अपनी ओर करने का प्रयास किया है।