राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही सोमवार को एक बार फिर शुरू होते ही भाजपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। राष्ट्रगीत के बाद भाजपा सदस्यों ने वैल में आकर सवालों का कोटा खत्म करने के मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के कारण छह मिनट बाद ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने 11 बजकर 22 मिनट तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र का सत्रावसान नहीं करके छह माह बाद सीधे बैठक बुलाई गई। इन छह महीने में खूब प्रदेश में गतिविधियां और घटनाएं हुईं, जिसके बारे में सवाल बनते हैं। पहली बार हुआ है कि विधायक सवाल नहीं पूछ पा रहे। जिन विधायकों का सौ सवालों का कोटा पूरा हो गया उसे सवाल पूछने से बैन कर दिया। हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया है।
कांग्रेस सदस्य गोविंद सिंह डोटासरा बीच में बोलने लगे और कहा कि ये किस मुंह से बोल रहे हैं। भाजपा राज में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इसके बाद हंगामा बढ़ गया। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 22 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद भी हंगामा और नारेबाजी चलती रही। हंगामे के बीच विधानसभा सचिव ने राज्यपाल से मंजूरी मिलने वाले बिलों का ब्यौरा रखा।
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व, भाजपा सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के चैम्बर में धरना दिया। भाजपा विधायकों ने सवाल पूछने का कोटा खत्म हो जाने के विरोध में स्पीकर के चैम्बर में धरने पर बैठकर विरोध जताया। भाजपा विधायकों का तर्क है कि बजट सत्र को बीच में खत्म नहीं किया, लगातार जारी रखा। इस वजह से एक सत्र में सवाल पूछने का कोटा खत्म हो गया। अब नए सवाल नहीं पूछ सकते। अगर सत्रावसान करके विधानसभा की बैठकें बुलाई जातीं तो विधायकों को सवाल पूछने का नया कोटा मिलता। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित वरिष्ठ विधायक धरने पर बैठे।