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Rice Price: उत्पादन कम होने से बढ़ सकते हैं चावल के दाम, महंगाई की दरों पर भी पड़ेगा असर

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Rice Prices Likely To Remain Elevated Owing To Fall In Kharif Output - Rice  Price: उत्पादन कम होने से बढ़ सकते हैं चावल के दाम, महंगाई की दरों पर भी  पड़ेगा असर -

खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है। हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है। जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है। उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, चावल की थोक कीमत एक साल में 10.7 फीसदी बढ़कर 3,357 रुपये क्विंटल हो गई है।

खरीफ के फसल में धान की बुवाई कम होने से आने वाले समय में चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं। इस बार चावल के उत्पादन में 60-70 लाख टन की कमी आने का अनुमान है। इससे महंगाई की दरों पर भी असर पड़ेगा।

खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है। हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है। जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है। उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, चावल की थोक कीमत एक साल में 10.7 फीसदी बढ़कर 3,357 रुपये क्विंटल हो गई है। खुदरा भाव 9.47 फीसदी बढ़कर 38.15 रुपये किलो हो गया है।

खाद्य मंत्रालय का अनुमान है कि इस वजह से चावल के उत्पादन में कमी आ सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के पास बफर भंडार काफी है, इसलिए इससे घबराने की जरूरत नहीं है। साथ ही सरकार ने कीमतों को घटाने के लिए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही 20 फीसदी का निर्यात शुल्क भी लगा दिया है।

नीति आयोग ने कहा, घबराने की जरूरत नहीं
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि चावल की महंगाई को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। कीमतों में बढ़त इसलिए है क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाया गया है। साथ ही खाद और ईंधन भी महंगे हुए हैं।

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