कपड़ा मंत्रालय ने कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में स्पेशिऐलिटी फाइबर, सस्टेनेबल टेक्सटाइल, जियोटेक्सटाइल, मोबिलटेक और स्पोर्ट्स टेक्सटाइल के क्षेत्रों में लगभग 60 करोड़ रुपए मूल्य की 23 रणनीतिक परियोजनाओं को 14 सितंबर 2022 को मंजूरी दी। ये रणनीतिक अनुसंधान परियोजनाएं प्रमुख कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन’ के अंतर्गत आती हैं।
इन 23 अनुसंधान परियोजनाओं में 12 स्पेशिऐलिटी फाइबर्स की परियोजनाएं हैं जिनका अनुप्रयोग कृषि, स्मार्ट टेक्सटाइल, स्वास्थ्य सेवा, रणनीतिक अनुप्रयोग तथा सुरक्षात्मक गियर में होता है। ससटेनेबल टेक्सटाइल की चार परियोजनाएं मंजूर की गई हैं जिनका अनुप्रयोग कृषि तथा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किया जाता है। इसके अतिरिक्त जियोटेक्सटाइल की 5 परियोजनाएं, मोबिलटेक की 1 तथा स्पोर्टेक की 1 परियोजना को मंजूर दी गई है।
नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान और प्रोद्योगिकी) तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) ने टेक्निकल टेक्सटाइल से संबंधित इनपुट प्रदान किए। बैठक में आईआईटी जैसे अग्रणी भारतीय संस्थान, सरकारी संगठन और प्रसिद्ध उद्योगपतियों ने भाग लिया। इन रणनीतिक परियोजनाओं की मंजूरी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए दी गई और यह आत्मनिर्भर भारत, विशेषकर स्वास्थ्य सेवा औद्योगिक तथा प्रोटेक्टिव, ऊर्जा भंडारण, कृषि और आधारभूत संरचना की दिशा में एक कदम है।
वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों को संबोंधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में टेक्निकल टेक्सटाइल के अनुप्रयोग के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए उद्योग तथा शैक्षिक जगत के बीच संबंध आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ता के बीच समन्वय समय की आवश्यकता है।
श्री पीयूष गोयल ने टेक्नोलॉजी तथा क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों तथा शिक्षाविदों के योगदान पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत के टेक्निकल टेक्सटाइल के भविषय के लिए आवश्यक है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की खाई को पाटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टेक्निकल टेक्सटाइल में उद्योग जगत के साथ बाचतीच करके अनुसंधान के क्षेत्र को चिन्हित किया जाना चाहिए और सम्मेलन, प्रदर्शनी तथा क्रेता-विक्रेता जैसी गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए ताकि देश में टेक्निकल टेक्सटाइल को बढ़ावा दिया जा सके और निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके।