झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शुक्रवार को धनबाद के बहुचर्चित जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले की सुनवाई हुई। सीबीआई ने शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में जांच की प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल किया।
हाई कोर्ट को बताया गया कि मामले में आगे जांच जारी रखने के लिए केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के पास आवेदन दिया गया है, जो अभी लंबित है। वहां से अनुमति मिलने के बाद सीबीआई इस मामले में आगे बढ़ेगी। कोर्ट को यह भी बताया गया कि इस मामले में भारत सरकार के इंटरपोल की सहायता भी ली जाएगी और दूसरे देशों के इंटरपोल से बातचीत कर अनुसंधान को आगे बढ़ाया जाएगा। कोर्ट ने मामले में सीबीआई को चार सप्ताह में फिर से प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट में सीबीआई ने केरल हाई कोर्ट के जजमेंट का हवाला देते हुए कहा था कि कुछ नए तथ्य आने के बाद ट्रायल पूरा हो जाने के बावजूद किसी मामले में सीबीआई अनुसंधान जारी रख सकती है। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से प्रशांत पल्लव ने पैरवी की।
इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि मामले में ट्रायल पूरा हो जाने के बाद आगे सीबीआई का अनुसंधान चल सकता है या नहीं। सीबीआई किस प्रावधान के तहत जांच जारी रखना चाहती है। सीबीआई की ओर से यह भी कहा गया था कि जज उत्तम आनंद हत्याकांड में वृहत षड्यंत्र को देखते हुए सीबीआई जांच जारी रखे हुई है।
धनबाद सीबीआई की विशेष अदालत ने छह अगस्त को इस हत्याकांड के दो दोषियों राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही धनबाद डालसा को यह निर्देश दिया कि दिवंगत जज के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये।