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Chip Crisis: बैंकों में चिप संकट, गिरोह बनाकर ठग रहे कार्ड विक्रेता, आईबीए ने कहा- प्रतिस्पर्धा आयोग करे जांच

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Semiconductor chip stuck millions of debit cards Banking sector affected  due to chip shortage - Banking Sector Crisis: सेमीकंडक्टर चिप ने अटकाए  लाखों डेबिट कार्ड; चिप की कमी के चलते बैंकिंग ...

चिप की कमी का असर अभी तक इलेक्ट्रॉनिक सामानों और गाड़ियों पर ही होता था। पर बैंकों को क्रेडिट-डेबिट कार्ड जारी करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। चिप आपूर्ति करने वाली कंपनियां गिरोह बनाकर इसकी कृत्रिम कमी बता रही हैं और फिर ज्यादा भाव पर बैंकों को बेच रही हैं।

इस तरह का मामला सामने आने पर इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से जांच करने की मांग की है। आईबीए को इस संबंध में काफी सारी शिकायतें मिली हैं। इसके बाद आईबीए ने सीसीआई को पत्र लिखा है। साथ ही वित्त मंत्रालय को भी विक्रेताओं की इस ठगी की जानकारी दी है।

पिछले साल से चल रहा है गोरखधंधा
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी के मुताबिक, पिछले साल 4-5 बड़े कार्ड विक्रेताओं ने बैंकों से संपर्क कर कहा था कि चिप की भारी कमी है और इससे कीमतें बढ़ गई हैं। इसके बाद सभी बैंकों ने कार्ड की कीमतें 35 से 42 रुपये तक बढ़ा दी थीं। 3 महीने पहले फिर से इन चिप विक्रेताओं ने बैंकों से संपर्क किया और कहा कि कीमतें फिर बढ़ गई हैं। हालांकि, इस बार केवल कुछ बड़े बैंक ही 10 रुपये ज्यादा देने पर राजी हुए। सरकारी बैंकों ने इससे हाथ पीछे खींच लिए थे। एजेंसी

बैंकों पर बढ़ा लागत का बोझ
कार्ड विक्रेताओं की इस गिरोहबाजी का सीधा असर बैंकों की लागत पर पड़ा है, क्योंकि कार्ड की पूरी लागत बैंक ही वहन करते हैं। पिछले कुछ महीने से डेबिट और क्रेडिट कार्ड की बिक्री में तेजी भी देखी गई है। बैंकों का मानना है कि अगर वे ग्राहकों से कार्ड का पैसा लेंगे तो उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है।

विक्रेताओं ने चिप की कमी का फायदा उठाया
आईबीए ने कहा, ऐसा देखा गया है कि कुछ तिमाहियों से चिप की कमी का फायदा कार्ड विक्रेताओं ने उठाया है। कुछ सरकारी बैंकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत नए कार्ड जारी करने में दिक्कत आ रही है। पीएमजेडीवाई में कुल 46.56 करोड़ खाता धारक हैं। 1.72 लाख करोड़ रुपये इनके खातों में जमा है।

 

  • आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई, 2022 तक कुल 92.81 करोड़ डेबिट कार्ड और 8 करोड़ क्रेडिट कार्ड थे। चालू वित्त वर्ष में अब तक 20 लाख कार्ड जारी किए गए हैं। मार्च के अंत तक 91.7 करोड़ डेबिट कार्ड और 7.3 करोड़ क्रेडिट कार्ड थे। चिप की कमी से ऑटोमोबाइल, दूरसंचार और बैंकिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
  • चिप की कमी का सबसे ज्यादा असर पीएमजेडीवाई के ग्राहकों पर हो रहा है। उनको कार्ड के साथ बीमा भी नहीं मिल पा रहा है।

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