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बाइडन के हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में चीन को निवेश करने में होगी मुश्किल

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बाइडन के हस्ताक्षर के बाद अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में चीन को निवेश  करने में होगी मुश्किल | Udaipur Kiran : Latest News Headlines, Current Live  Breaking News from India ...

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर एक कार्यकारी आदेश पर राष्ट्रपति जो बाइडन के गुरुवार को हस्ताक्षर करने के बाद चीन को अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों में निवेश करने में मुश्किल होगी।

बाइडन प्रशासन के मुताबिक इस कार्यकारी आदेश का लक्ष्य राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना है। दरअसल, अमेरिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चीनी निवेश पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस की ओर से जानकारी दी गई कि यह कदम किसी खास देश के खिलाफ नहीं उठाया जा रहा है।

यह आदेश अमेरिका में विदेशी निवेश पर निगरानी रखने वाली समिति द्वारा निरीक्षण को बढ़ावा देगा। बता दें कि सीएफआईयूएस (सीएफआईयूएस) नामक समिति अमेरिका में विदेशी निवेश और कंपनियों के मर्जर से जुड़े मामलों की निगरानी करती है। सीएफआईयूएस नामक समिति में राज्य, रक्षा, न्याय, वाणिज्य, ऊर्जा और गृहभूमि सुरक्षा विभागों के सदस्य मौजूद हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के पास किसी सौदे को निलंबित या प्रतिबंधित करने की शक्ति होती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वक्त से अमेरिका के प्रौद्योगिकी क्षेत्र और कई क्षेत्रों में चीन ने अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। इस बात को लेकर अमेरिका काफी चिंतित है।

साल 2018 के कानून ने सैन्य ठिकानों या अन्य संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा सुविधाओं के पास कुछ संयुक्त उद्यमों, अल्पसंख्यक दांव और अचल संपत्ति सौदों की समीक्षा करने के लिए सीएफआईयूएस की निगरानी का विस्तार किया।

एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी कंपनियां अमेरिकी कानून में खामियों का फायदा उठा रही थीं और अनुचित तरीके से तकनीक और संभवतः संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर रही थीं। अमेरिकी सांसदों ने भी चिंता व्यक्त की है कि चीनी कंपनियां संवेदनशील प्रौद्योगिकी तक पहुंच हासिल करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ काम कर रही थीं।

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