बिहार के बेगूसराय में करीब 30 किलोमीटर तक सिरियली गोलीकांड में 11 लोगों को गोली मारने की घटना को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान की राज्यसभा सदस्य और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कड़ी निंदा की है। देर रात बेगूसराय पहुंचे सुशील कुमार मोदी ने सदर अस्पताल सहित विभिन्न निजी अस्पताल में भर्ती घायल से मिलने और डॉक्टरों से जानकारी लेने के बाद कहा कि इस तरह की घटना देश में कहीं नहीं हुई थी। बिहार में पहली बार हुए इस घटना ने पूरे बिहार को हिला दिया है, बिहारवासी भयभीत हैं। महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही लोगों में डर था कि कहीं जंगलराज का पुराना दौर नहीं लौट जाए और वही हो रहा है, लगातार घटनाएं हो रही है।
उन्होंने कहा कि बिहारवासी इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दहशत में हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आपत्तिजनक बयान बाजी करते हैं। अपनी विफलता को छुपाने के लिए इस घटना को जातीय रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा यह कहा जाना कि मुस्लिम बाहुल्य इलाके में घटना को अंजाम दिया गया है, गलत है। जबकि सच्चाई यह है कि जिस इलाके में गोलीबारी हुई है, वह मुस्लिम इलाका है ही नहीं, मिली-जुली आबादी है। घायल होने वाले कोई भी लोग मुस्लिम नहीं, सब के सब ब्राह्मण, राजपूत, यादव, पिछड़े, दलित गरीब लोग हैं।
मारने वाले का टारगेट किसी खास वर्ग और जाति का होता, तो खास जाति को गांव में घुसकर मारते, सड़क चलते अंधाधुंध फायरिंग नहीं करते। मुख्यमंत्री का यह बयान आपत्तिजनक है, वह कहते हैं कि साजिश है, अगर साजिश है तो इसका मतलब पुलिस प्रशासन फेल है, आपका सूचना तंत्र विफल हो गया है। घटना में शामिल दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए तथा ऐसी घटना नहीं हो इसका भी व्यवस्था किया जाए।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के अंदर ही आधे दर्जन से अधिक अपराधी तत्व मौजूद हैं। जो दबंग बाहुबली हैं, जिनकी पहचान गलत रही है, ऐसे लोग जब मंत्री बन गए तो पुलिस की हिम्मत कैसे होगी कार्रवाई करने की। बिहार में आज तक की सबसे बड़ी वारदात बेगूसराय में हुई है, चार दिन पहले चार-पांच सौ राजद समर्थकों ने पटना के थाना में घुसकर वर्दी फाड़ दिया, बालू माफिया कार्यालय में घुसकर धमकी देते हैं। कार्तिकेय कुमार फरार हैं, उसे गिरफ्तार नहीं कर शपथ दिलवाया गया। बिहार में हो रही वारदात से पूरे देश के अंदर नकारात्मक संदेश जा रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि शाहनवाज हुसैन ने बिहार के अंदर एक औद्योगिक माहौल बनाया था, ताकि बाहरी निवेश करें, लेकिन ऐसे में निवेश कैसे होगा। बिहार का दुर्भाग्य है कि नीतीश कुमार बीच-बीच में पार्टनर बदलते रहते हैं, ऐसे लोगों की संगत में चले जाते हैं जिनके कारण बिहार खौफ में रहा था और फिर से खौफ में चला जाता है। घटना से पूरे बिहार में काफी आक्रोश का माहौल है।