दक्षिण कोरिया में गूगल व मेटा पर संयुक्त रूप से करीब 100 अरब वान (करीब 7.2 करोड़ डालर) का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना एंटी ट्रस्ट मामले में निजता की निगरानी करने वाले संगठन ने लगाया है।
दोनों वैश्विक कंपनियों पर उपभोक्ताओं की अनुमति के बिना उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करने व इस दौरान जुटाई गई जानकारियों का लक्षित विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। निजता कानून उल्लंघन मामले में दक्षिण कोरिया का लगाया गया यह अबतक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
निजी सूचना एवं संरक्षण आयोग ने बताया कि उसने गूगल पर 69.2 अरब वान (करीब पांच करोड़ डालर) व मेटा पर 30.8 अरब वान (करीब 2.2 करोड़ डालर) का जुर्माना लगाया है। नियामक ने यह कार्रवाई कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद की है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि ये व्यावसायिक अभ्यास निजता के गंभीर उल्लंघन हो सकते हैं। मेटा इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक व इंस्टाग्राम संचालन करने वाली मूल कंपनी है। दोनों कंपनियों ने आयोग की कार्रवाई से असहमित जताई है। मेटा ने फैसले को कोर्ट में चुनौती देने के संकेत भी दिए हैं।
यूरोपीय संघ (ईयू) की एक शीर्ष अदालत ने भी गूगल को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने गूगल के एंड्रायड मोबाइल आपरेटिंग सिस्टम के खिलाफ वर्ष 2018 में एंटीट्रस्ट प्रवर्तकों द्वारा लगाए गए चार अरब यूरो के जुर्माने को बरकार रखा है। यूरोपियन कोर्ट आफ जस्टिस के जनरल कोर्ट ने बुधवार को कहा कि गूगल के लिए 4.125 अरब यूरो (4.155 अरब डालर) का जुर्माना उचित होगा, जो वास्तविक जुर्माने (4.34 अरब यूरो) से थोड़ा कम है। व्यापारिक नियमों के उल्लंघन व बाजार में प्रतिस्पर्धा को दबाने के मामलों में एंटीट्रस्ट कानून के तहत कार्रवाई की जाती है।