समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। वह 17 जातियों के आरक्षण का मुद्दा भी गरमाने जा रही है। इसके लिए 17 को लखनऊ में महापंचायत होगी। फिर हर लोकसभा क्षेत्र में पंचायत होगी। इसकी जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप को सौंपी गई है।
पिछड़े वर्ग की कश्यप, निषाद, बिंद, केवट, मल्लाह, धीवर, धीमर, बाथम, तुराहा, गोडिया, मांझी, कुम्हार, प्रजापति, भर, राजभर सहित 17 जातियों को पिछड़े वर्ग से अनुसूचित जाति में परिभाषित करने केलिए सपा की सरकार ने दो बार प्रस्ताव भेजा था। जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया है। अब इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी संबंधित जातियों के बीच गरमाना चाहती है। इसके लिए लोकसभा क्षेत्रवार पंचायत करने का फैसला लिया गया है।
इस पंचायत की रूपरेखा तय करने के लिए 17 को लखनऊ के सहकारिता भवन में महापंचायत बुलाई गई है। इस महापंचायत में संबंधित सभी 17 जातियों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। वे लोकसभा क्षेत्रों में चलने वाली जातिगत पंचायत की रूपरेखा तय करेंगे। इसमें संबंधित लोकसभा क्षेत्र में कहां पर बाथम अधिक है और कहां पर निषाद अधिक है, इसकी सूची तैयार की जाएगी। फिर संबंधित क्षेत्र में पार्टी के संबंधित बिरादरी के नेता को पंचायत आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस पूरे कार्यक्रम का नेतृत्व सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप करेंगे।
17 जातियों को गोलबंद रखना चाहती है सपा
समाजवादी पार्टी इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने का प्रस्ताव देकर सियासी लामबंदी की थी। जबकि अनुसूचित जाति में पहले से मौजूद जातियों ने इसका विरोध किया था। ऐसे में पार्टी उन 17 जातियों को निरंतर खुद से जोड़े रखना चाहती है। यही वजह हैकि पंचायत उसी क्षेत्र में की जाएगी, जहां संबंधित जाति की आबादी होगी।