-प्राकृतिक आपदा में अब तक 30 लोगों की गयी जान
वायुसेना ने अब तक 425 लोगों को किया एयरलिफ्ट
असम में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित हुआ है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार शुक्रवार की सुबह 8 बजे तक नगांव जिला के धर्मतुल में कपिली नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अभी भी राज्य के 12 जिले बाढ़ और भूस्खलन की समस्या से घिरे हैं।
गत दो दिन से बारिश में कमी होने के चलते बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या में कमी आई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के शुक्रवार की सुबह 9 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या कम होकर 12 जिला रह गयी है। बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित जिलों में कछार, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलाकांदी, होजाई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, मोरीगांव, नगांव और शोणितपुर शामिल हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान डिमा-हसाउ जिला में भूस्खलन की एक घटना की जानकारी मिली है।
राज्य के 12 जिलों के कुल 29 राजस्व मंडल अंतर्गत 956 गांव बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित हैं। लगभग 5.61 लाख लोग प्रभावित हुए, जिनमें से 66,836 लोग 295 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित उन लोगों को भी राहत सामग्री वितरित की जा रही है जो राहत शिविरों में आश्रय नहीं ले रहे हैं।
एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नागरिक सुरक्षा, अर्धसैनिक बल, भारतीय वायु सेना, डब्ल्यूआरडी, एसडीआरएफ, अग्निशमन और ईएस कर्मियों, पुलिस बलों, एएसडीएमए के एएपीडीए मित्र स्वयंसेवक आदि प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं। बलों एवं एजेंसियों ने अब तक 26,599 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाला है। अब तक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की मदद से डिमा हसाउ जिला से कुल 425 लोगों को एयरलिफ्ट किया जा चुका है। इस मौसम में (अर्थात 6 अप्रैल से) बाढ़ और भूस्खलन के कारण कुल 30 लोगों की जान चली गई है।
भारतीय वायु सेना ने गुवाहाटी, जोरहाट और सिलचर से 20 शटल/हेलीकॉप्टरों के ट्रिप के माध्यम से चावल, दाल, सरसों का तेल, आलू प्याज आदि जैसी आवश्यक आपूर्ति को भी एयरड्रॉप किया है। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना की मदद से लगभग 8,000 लीटर डीजल भी प्रभावित स्थानों पर गिराए गए हैं।
अब तक भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से हाफलोंग के साथ-साथ हरंगाजाओ, खेपरे, लाइसोंग, हाजादिसा जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों में 50.6 मीट्रिक टन खाद्य वस्तुएं प्रदान की गई हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से डिमा हसाउ जिले में जल्द ही आपदा के बाद की जरूरत का आकलन (पीडीएनए) शुरू करने जा रहा है ताकि जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद हुए नुकसान और वसूली की जरूरतों का आकलन किया जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) से एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम 26 मई को गुवाहाटी पहुंची है, जो नुकसान के आकलन के लिए 26 से 29 मई तक राज्य के विभिन्न जिलों के अधिकारियों के साथ चर्चा करेगा। वर्तमान में बाढ़ एवं भूस्खलन की स्थिति से निपटने के लिए, आपातकालीन संचार उद्देश्यों के लिए बराक घाटी जिलों को 20 मेगा फोन प्रदान किए गए हैं।