सांगली जिले के जत तहसील के लवंगे गांव में उत्तर प्रदेश के 4 साधुओं को बेरहमी से पिटाई की घटना सामने आने के बाद महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ ने सांगली पुलिस अधीक्षक (एसपी) को घटना की पूरी रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि पालघर में हुई साधुओं की हत्या की घटना की पुनरावृत्ति राज्य में नहीं होने दी जाएगी। इस घटना की जांच का आदेश दे दिया गया है।
सांगली के एसपी दीक्षित कुमार गेदाम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले संबंधित चारों साधु दर्शन के लिए बीजापुर से पंढरपुर जा रहे थे। यहां के स्थानीय लोग उनकी भाषा नहीं समझ पाते थे इसलिए उन्होंने उन्हें बच्चा चोर समझकर पीटा। हालांकि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल साधुओं का इलाज कराया। इसके बाद चारों साधु चले गए हैं। मामले की जांच जारी है।
पुलिस के अनुसार भीड़ ने साधुओं की पिटाई भाषा न समझ पाने की वजह से की थी, पुलिस ने तत्काल उन्हें भीड़ से बचा कर उनका इलाज करवाया, लेकिन वे बिना शिकायत दर्ज किए चले गए। पुलिस ने इस मामले में शिकायत न मिलने से कोई कार्रवाई नहीं की है। जिले के एसपी ने कहा है कि वे इस मामले की फिर से जांच करेंगे और रिपोर्ट देंगे।
जानकारी के अनुसार बीजापुर से पंढरपुर जा रहे चार साधु जत तहसील के लवंगे गांव में रविवार को ठहरे थे। सोमवार सुबह इन साधुओं ने एक बच्चे को बुलाकर रास्ते के बारे में पूछना शुरू किया, उसी समय गांववालों को साधुओं पर बच्चा अपहरण करने का शक हो गया। इसी वजह से गांववालों ने मिलकर साधुओं की पिटाई कर दी थी।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और साधुओं को बचाकर पुलिस स्टेशन लाई। इसके बाद साधुओं का इलाज कराया गया और मंगलवार को सभी साधु अपने गंतव्य पर रवाना हो गए। लेकिन बुधवार को साधुओं की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी वजह से इस मामले में सूबे के डीजीपी ने घटना की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल सौंपने का आदेश दिया है।
महाराष्ट्र में साधुओं पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। 2020 में महाराष्ट्र के पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने 2 साधुओं की बेरहमी से पिटाई की थी, जिसमें दोनों साधुओं की मौत हो गई थी। दोनों साधु सूरत जा रहे थे। दो साल पहले पालघर में साधुओं की हत्याकांड की घटना होते-होते बच गई है।
राम कदम ने कहा कि महाराष्ट्र साधु-संतों की भूमि है। पिछली सरकार ने जो गलती की थी, वह गलती इस सरकार के समय किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी। राज्य में साधु-संतों के समुचित सम्मान के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।