दुलेहड़ गोलीकांड में मारे गए युवा नेता के शव का पोस्टमार्टम करने को लेकर युवा कांग्रेस द्वारा किये गए प्रदर्शन के आगे अस्पताल प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से गुस्साए लोगों ने शवगृह में सीएमओ ऊना के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। लोगों के बढ़ते आक्रोश और नेता विपक्ष के दबाव के आगे अस्पताल प्रबंधन को झुकना पड़ा।
जिसके चलते जिला के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि टांडा मेडिकल काॅलेज के फोरेसिंक एक्सपर्ट चिकित्सकों ने क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचकर शव का पोस्टमार्टम किया। जबकि इससे पहले मर्डर केसों के पोस्टमार्टम टांडा मेडिकल काॅलेज में ही हुए हैं। टांडा से दो फोरेसिंक एक्सपर्ट चिकित्सक आरएच उना पहुंचे जबकि आरएच उना के दो चिकित्सकों की टीम ने मिलकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को अंजाम दिया।
मामला सोमवार को दुलेहड़ में कांग्रेस नेता की गोली मारने से हुई हत्या से जुड़ा था। जानकारी के अनुसार मंगलवार को अस्पताल प्रशासन ने कांग्रेस नेता रविंद्र कुमार सेठी के शव का पोस्टमार्टम करने से साफ इंन्कार कर दिया। अस्पताल प्रशासन की ओर से तर्क दिया गया कि क्षेत्रीय अस्पताल में कोई भी फोरेसिंक एक्सपर्ट चिकित्सक नही है।
जिस पर नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और वहां मौजूद ग्रामीण भड़क उठे और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यदि टांडा में ही पोस्टमार्टम होना था तो ये बात अस्पताल प्रशासन द्वारा सोमवार रात को ही क्यों नही बताई गई और शव को रात का ही रैफर करना था ताकि सुबह जल्दी पोस्टमार्टम हो जाता।
लेकिन मंगलवार को 11 बजे अस्पताल प्रशासन ने पोस्टमार्टम करने से साफ इनकार कर दिया जबकि घर में परिजन व सगे संबंधी अंतिम संस्कार करने के लिए इकठ्ठा हो चुके हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब संदिग्ध परिस्थितियां या हत्या के मामले में हुई किसी भी व्यक्ति या महिला की मौत में शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा भेजा जाता रहा है। लेकिन मंगलवार को पहली बार फोरेसिंक टीम टांडा मेडिकल काॅलेज से आरएच ऊना पहुंची।
सीएमओ डा. मंजू बहल का कहना है कि वे कहीं बाहर हैं, फोन के माध्यम से अस्पताल में प्रदर्शन की सूचना मिली थी जिसके बाद टांडा से फोरेसिंक एक्सपर्ट को आरएच बुलाया गया जिन्होंने शव का पोस्टमार्टम करके परिजनों को सौंप दिया।
युवा कांग्रेसी नेता की मौत से गुस्साए नेता प्रतिपक्ष व लोगों ने अस्पताल प्रशासन को पोस्टमार्टम करने तरीके में बदलाव करने को मजबूर कर दिया। पर अब ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या आम व्यक्ति की मौत पर भी फोरेसिंक एक्सपर्ट आरएच में उपलब्ध हो पाएंगे या फिर उनके रिश्तेदारों को टांडा मेडिकल काॅलेज में ही शव को लेकर भटकना पड़ेगा।