आज बेटियां हर क्षेत्र में समाज व देश का नाम रोशन कर रही है। बेटियों ने शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बनाकर इसे साबित कर दिया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं।
यह बात परिवर्तन मंच के चेयरमैन मास्टर सतबीर रतेरा ने एशियन कुराश चैंपियनशिप में कांस्य पदक लेकर लौटी गांव सिवाड़ा की बेटी नेहा शर्मा को सम्मानित करते हुए कही। गांव सिवाड़ा निवासी नेहा शर्मा ने चैनबुरी थाईलैंड में आयोजित एशियन कुराश चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया, जिसका गांव पहुंचने पर ग्रामीणों एवं अन्य खेल प्रेमियों ने भव्य स्वागत किया।
नेहा शर्मा के सम्मान में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मास्टर सतबीर रतेरा ने कहा कि कुराश खेल कुछ हद तक पहलवानी की तरह है, लेकिन दोनों खेलों के नियम अलग हैं। कुराश उज्बेकिस्तान की पारंपरिक मार्शल आर्ट की शैली है। कुराश खेल भी कुश्ती की तरह ताकत व संयम का खेल है, जिसमें खिलाड़ी को अपने शारीरिक और मानसिक क्षमता का उपयोग करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बेटी नेहा शर्मा एक होनहार खिलाड़ी है तथा ऐसे खिलाड़ियों की देश को जरूरत है।