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Rice Export: निर्यात शुल्क नहीं देना चाहते खरीदार, बंदरगाहों पर 10 लाख टन चावल अटका

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Buyers Do Not Want To Pay Export Duty, 10 Lakh Tonnes Of Rice Stuck At Ports  - Rice Export: निर्यात शुल्क नहीं देना चाहते खरीदार, बंदरगाहों पर 10 लाख टन  चावल अटका -

सरकार द्वारा चावल निर्यात पर रोक लगाने के फैसले से निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विदेशी चावल खरीदारों ने अतिरिक्त शुल्क चुकाने से मना कर दिया है। इससे बंदरगाहों पर 10 लाख टन चावल फंस गए हैं। पिछले दिनों सरकार ने घरेलू बाजार में चावल की कीमतें बढ़ने से रोकने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध के साथ ही 20 फीसदी अतिरिक्त शुल्क चुकाने का भी नियम लगा दिया था।

भारतीय चावल निर्यातक संगठन के अध्यक्ष बीवी कृष्ण राव ने कहा, सरकार ने तत्काल प्रभाव से शुल्क लगा दिया, लेकिन खरीदार इसके लिए तैयार नहीं थे। फिलहाल हमने चावल का लदान रोक दिया है। दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक भारत के रोक लगाने के बाद अब पड़ोसी देशों सहित दुनिया के चावल आयातक देशों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

चीन, सेनेगल जैसे देशों को होना था निर्यात
भारत हर महीने करीब 20 लाख टन चावल का निर्यात करता है। इसमें सबसे ज्यादा लोडिंग आंध्र प्रदेश के कनिकड़ा और विशाखापट्टन बंदरगाह से होती है। बंदरगाहों पर फंसे चावल का निर्यात चीन, सेनेगल, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की को होना था। इसमें सबसे ज्यादा शिपमेंट टूटे चावल का था।

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