वाराणसी पुलिस द्वारा घोसी सांसद अतुल राय उर्फ अतुल सिंह के गृह जनपद में कुर्की की कार्रवाई से एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी अतुल राय ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट से जमानिया विधानसभा सीट से भाग्य आजमाया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव में मऊ की घोसी सीट से उम्मीदवार बने और पहली बार जीत दर्ज की। मुख्तार के क रीबी होने के कारण अतुल राय की जरायम की दुनिया में गहरी पैठ बन गई। ठेके से लेकर जमीन का धंधा खूब फला-फूला। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक, जनपद के किसी थाने में अतुल राय के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। वर्तमान समय में नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध सांसद के खिलाफ एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। पीड़िता और गाजीपुर के रहने वाले उसके गवाह साथी ने बीते 16 अगस्त को दिल्ली में आत्मदाह कर लिया था।
बीते छह अगस्त को न्यायालय ने सांसद को दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया था। हालांकि पीड़िता और गवाह साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने और अन्य मामले में उन्हें राहत नहीं मिली है और वह नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध हैं।
वाराणसी में हुई है शिक्षा-दीक्षा
वीरपुर गांव निवासी घोसी सांसद अतुल की शिक्षा-दीक्षा वाराणसी में हुई है। सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2000 में वह माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में आए थे। इसी के बाद अतुल का ग्राफ ठेकेदारी सहित अन्य क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा।
वहीं, जेल में रहते हुए अतुल राय ने मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा भी बताया। लोगों का कहना है कि मुख्तार से अतुल राय की दूरियां तब बढ़ी जब वर्ष 2019 लोकसभा में घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी का टिकट काटकर अतुल राय को बसपा का टिकट मिल गया था।
अब तक मुख्तार और उनके करीबियों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क
शासन की कार्रवाईयों का डंडा संगठित अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ लगातार चल रहा है। आईएस 191 गैंग के लीड मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों की अब तक 65 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
जबकि गैंग से संबंधित 109 करोड़ की संपत्ति को ध्वस्त कराया जा चुका है। यहीं नहीं मुख्तार अंसारी पर कुल तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इधर मुख्तार अंसारी के बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी की अब तक करीब 43 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।