आज हम एक ऐसी एक्ट्रेस की बात करने जा रहे हैं जो अपनी आंखों से एक्टिंग करने का हुनर रखती थीं। उनके अभिनय के कायल आम दर्शक ही नहीं बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के निर्माता निर्देशक भी थे। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की मशहूर अदाकार लीला चिटनिस की। लीला का जन्म कर्नाटक के धरवाड में हुआ था। वह महाराष्ट्र के ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। आज उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
मौजूदा वक्त में बॉलीवुड में कई एक्ट्रेस अपने अभियन से कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं। लेकिन लीला के समय ऐसा बिलकुल भी नहीं था। उन्होंने उस समय फिल्मों में एंट्री की जब इस पेशे को महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में अलग मुकाम हासिल किया। लीला के पिता इंग्लिश लिट्रेचर के प्रोफेसर थे। यही वजह थी कि उनके घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल था। खुद लीला ने भी ग्रेजुएट किया था। वह पहली भारतीय एक्ट्रेस थीं जिन्होंने स्नातक की पढ़ाई की थी।
पढ़ाई पूरी करने के बाद लीला चिटनिस ने एक थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया जिसका नाम ‘नाट्यमानवांतर’ था। इस ग्रुप के साथ लीला ने कई कॉमेडी और गंभीर नाटक किए। लीला की शादी बहुत छोटी उम्र में हो गई थी। 15 साल की उम्र में वह शादी के बंधन में बंध गई थीं। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था। हालांकि उनका वैवाहिक जीवन सफल नहीं रहा। दोनों के बीच अक्सर विवाद रहा करता था जिसकी वजह से लीला ने पति से तलाक के लिए।
अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए उन्होंने स्कूल टीचर की नौकरी कर ली। साथ ही साथ वह नाटक और फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी करती रहीं। साल 1937 में रिलीज हुई फिल्म ‘जेंटलमैन डाकू’ से उनकी किस्मत के सितारे बुलंदियों पर पहुंच गए। इसके बाद तो उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई। बॉम्बे टॉकीज’, ‘कंगन’, ‘आजाद’, ‘बंधन’ और ‘झूला’ उनकी प्रमुख फिल्में हैं। लीला की जोड़ी सबसे अधिक अशोक कुमार के साथ जमीं। दोनों ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दीं।