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ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर 13 सितंबर से होने वाली सुनवाई की रूपरेखा तय

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ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर 13 सितंबर से होने वाली सुनवाई की रूपरेखा तय | Udaipur  Kiran : Latest News Headlines, Current Live Breaking News from India & World

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण और आंध्रप्रदेश में मुस्लिमों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर 13 सितंबर से शुरू होने वाली सुनवाई के लिए मसलों को तय कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा कि क्या संविधान में 103वां संशोधन मूल ढांचे के विरुद्ध है जिसने सरकार को आर्थिक आधार पर आरक्षण की शक्ति दी। कोर्ट यह भी तय करेगा कि क्या इस संशोधन ने गैर सहायता प्राप्त निजी संस्थान में दाखिले के नियम बनाने की शक्ति दी। इसके अलावा यह कि क्या 103वें संशोधन के जरिए ओबीसी, एससी-एसटी को शामिल नहीं कर संविधान की मूल भावना का उल्लंघन किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए पांच दिनों का समय तय किया है। कोर्ट ने कहा कि जो राज्य मामले में पक्ष रखना चाहते हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उनको जिरह करने के लिए 17 घंटे का समय लगेगा। चीफ जस्टिस यूयू ललित के अलावा इस संविधान बेंच ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट, जस्टिस बेला में त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल हैं। याचिका में 2019 में ईडब्ल्यूएस आरक्षण कानून को चुनौती दी गई है।

कोर्ट ने इस मामले में चार वकीलों को नोडल वकील नियुक्त किया है जो ईडब्ल्यूएस आरक्षण और मुस्लिमों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आरक्षण देने वाली याचिकाओं में समान दलीलों पर गौर करेगी। कोर्ट इन दोनों मामलों पर सुनवाई करने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में सिखों को अल्पसंख्यक आरक्षण देने के मामले पर भी विचार करेगी। इसके अलावा संविधान बेंच सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय और संविधान बेंचों में विभाजन करने और सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय बेंच बनाने की मांग पर भी सुनवाई करेगी। संविधान बेंच ने ये साफ किया कि सबसे पहले वो आरक्षण के मसले की सुनवाई करेगी क्योंकि इनमें कई मसले एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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