लखनऊ में होटल लेवाना सुइट्स में अग्निकांड के बाद चेती सरकार अब प्रदेश के सभी शहरों में बने होटलों और बड़े आवासीय और व्यावसायिक भवनों की जांच कराने का फैसला किया है। इस संबंध में आवास विभाग ने सभी विकास प्राधिकरणों को होटलों और बड़े भवनों की जांच कराने का निर्देश दिया है। जिसमें स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप भवनों के निर्माण की खास तौर पर जांच करने को कहा गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि मानचित्र के विपरीत बने होटलो और भवनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की ओर से मंगलवार को सभी विकास प्राधिकरणों को भेजे गए निर्देश में होटलों के अलावा 300 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर बने बड़े भवनों का सर्वे कराने के साथ ही उनके मानचित्र की जांच करने को कहा गया है। विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की आवासीय योजनाओं में बने बड़े भवनों का भी सर्वे कराने को कहा गया है। सर्वे के दौरान देखा जाएगा कि संबंधित भवन का निर्माण नक्शे के अनुरूप कराया गया है या नहीं। साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग संबंधी व्यवस्थाओं की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा भवन निर्माण उपविधि और मानक के मुताबिक भवनों का निर्माण न कराने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
वही, व्यावसायिक भवनों की जांच में सभी जरूरी मानकों और विभिन्न विभागों से लिए अनापत्ति प्रमाण पत्रों की भी जांच की जाएगी। प्रमुख सचिव ने होटलों व बड़े भवनों केसर्वे के दौरान अवैध निर्माणों के अलावा आग लगने के दौरान सुरक्षा से संबंधित प्रबंधों और आग लगने केलिहाज से संवेदनशील बिंदुओं की खास तौर से जांच करने को कहा है। अवैध निर्माणों की पुष्टि होने पर उस क्षेत्र में तैनात अभियंताओं के अलावा अधिकारियों की सूची भी तैयार की जाएगी। ताकि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
नपेंगे लापरवाह अफसर
लेवाना अग्निकांड की घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के साथ-साथ अग्निसुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद पूरे प्रदेश में होटलों और बड़ी इमारतों में अग्नि सुरक्षा के प्रबंधों की जांच शुरू हो गई है। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा तंत्र की भौतिक जांच करने तथा हादसों को रोकने के लिए आवश्यकतानुसार सिस्टम को अपडेट करने को कहा है। यही नहीं, उन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का उपयोग करने से लेकर सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।