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आईटी क्षेत्र : मूनलाइटिंग भारत में नया, पर अमेरिका में 1964 में 37 लाख लोग करते थे दो-दो नौकरियां

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रोजगार

विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने जब से आईटी क्षेत्र में मूनलाइटिंग प्रैक्टिस को नियोक्ता के साथ धोखा करार देने वाला ट्वीट किया है, तब से इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। हालांकि, मूनलाइटिंग भारत में नया है, लेकिन अमेरिका में 1964 में भी करीब 37 लाख लोग एक साथ दो-दो नौकरियां करते थे।

यह दावा यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की लाइब्रेरी में मौजूद ‘टेक्नोलॉजी एंड द अमेरिकन इकॉनमी’ रिपोर्ट में किया गया है। इसके मुताबिक, यह संख्या उस समय अमेरिका में नौकरी करने वालों का 5.2 फीसदी है। इनमें से 10 लाख लोग पहली नौकरी कृषि क्षेत्र में करते थे। इनमें से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की थी, जिन्होंने पहली या दूसरी नौकरी के रूप स्व-रोजगार अपना रखा था।

80 के दशक में बढ़ा चलन
फेडरल ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (बीएलएस) के मुताबिक, अमेरिका में जुलाई, 2014 तक 68 लाख या 4.6 फीसदी लोग एक से ज्यादा नौकरियां करते थे। 1990 में प्रकाशित बीएलएस की मासिक श्रम समीक्षा में दावा किया गया कि 1980 के दशक में मूनलाइटिंग का चलन तेजी से बढ़ा। 1980 में एक साथ कई नौकरियां करने वालों की संख्या 4.9% थी, जो 1989 में बढ़कर 6.2% पहुंच गई। नवंबर, 1996 में यह संख्या बढ़कर 6.6 फीसदी पहुंच गई।

देश में…शौक को कमाई बनाने के लिए मूनलाइटिंग
सितंबर, 2021 में प्रकाशित एमटीवी के एक सर्वे के मुताबिक, 70 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे मशहूर होने के लिए मूनलाइटिंग करना चाहते हैं। 69 फीसदी फुलटाइम नौकरी के अलावा अपने शौक को कमाई का जरिया बनाना चाहते हैं। इसलिए वे अपने शौक के मुताबिक दूसरी नौकरी करना चाहते हैं। रिज्यूमबिल्डर डॉट कॉम के सर्वे के मुताबिक, 37 फीसदी उत्तरदाताओं ने माना कि उनके पास दूसरी फुलटाइम नौकरी भी है।

इसलिए दूसरी नौकरी चाहते हैं लोग

वजह संख्या (% में)
ज्यादा खर्च को 48
कर्ज घटाने के लिए 46
बचत/निवेश के लिए 45
अनुभव के लिए 43
करिअर के लिए 38
बोरियत से निकलने के लिए 33

(सोर्स : रिज्यूमबिल्डर डॉट कॉम)

क्या है मूनलाइटिंग
जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे तकनीकी तौर पर मूनलाइटिंग कहा जाता है।
 

स्विगी ने दी है इजाजत

कुछ शर्तों के साथ कर्मचारियों को मूनलाइटिंग की इजाजत दी है। शर्त है कि इससे उत्पादकता पर असर न पड़े और न ही कंपनी के हितों को नुकसान हो।

दिग्गजों की अलग-अलग राय…
समय के साथ बदलते रहना जरूरी है। हम जिस तरह से काम करते हैं, उसमें व्यवधान का मैं स्वागत करता हूं। -सीपी गुरनानी, सीईओ, टेक महिंद्रा

प्रौद्योगिकी उद्योग में शुरुआती दौर में कम वेतन होना मूनलाइटिंग की एक वजह है। अगर आप लोगों को अच्छा भुगतान नहीं करते हैं और वे अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो यह अच्छी कमाई का आसान तरीका है।

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