प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया तथा दोनों देश आतंकवाद विरोध, सीमा प्रबंधन और सीमा के आर-पार अपराधों को रोकने से जुड़े सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने अपनी सहयोग साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए जल वितरण, बांग्लादेश में रेलवे आधारभूत ढांचा विकास सहयोग सहित संपर्क सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर किए।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा, मोदी और शेख हसीना के बीच हुए विचार-विमर्श के संबंध में पत्रकार वार्ता में बताया कि बांग्लादेश ने आश्वासन दिया है कि वहां अल्पसंख्यकों (हिन्दू) की सुरक्षा के लिए कारगर कदम उठाए जायेंगे। भारत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर लगातार बांग्लादेश के संपर्क में रहा है। पड़ोसी देश के नेताओं ने व्यक्तिगत और सार्वजनिक रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
बांग्लादेश में चीन की सक्रियता के बारे में पूछे गए सवाल के उत्तर में क्वात्रा ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सुरक्षा संबंधी चिंतायें और प्राथमिकतायें हैं। साझा चुनौतियों और प्राथमिकताओं में दोनों देशों के बीच तालमेल बनाए रखने पर सहमति है। जहां तक भारत का संबंध है वह सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के बारे में पूरी तरह सजग है।
विदेश सचिव ने म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों के संबंध में बांग्लादेश की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत इस सिलसिले में सहायता प्रदान कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज दोनों देशों ने आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ सहयोग पर भी जोर दिया है। 1971 की भावना को जीवंत रखने के लिए भी यह बहुत आवश्यक है कि हम ऐसी शक्तियों का मिल कर मुकाबला करें, जो हमारे आपसी विश्वास पर आघात करना चाहती हैं।