भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की द्वितीय बटालियन ने हिमाचल प्रदेश पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ एक घायल ट्रेकर को खिमलोगा दर्रे (18,700 फीट) से बचा लिया है। आईटीबीपी के हिमवीरों ने घायलों को हिमाचल प्रदेश के चितकुल ले जाने के लिए दुर्गम इलाके में 20 किलोमीटर से अधिक तक स्ट्रेचर पर ले गए।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि पश्चिम बंगाल के तीन ट्रेकर्स अर्थात् सुजॉय दुले, नरोत्तम गायन और सुब्रतो विश्वास ने छह पोर्टर्स के साथ उत्तरकाशी क्षेत्र (उत्तराखंड) से चितकुल (हिमाचल प्रदेश) तक खिमलोगा दर्रे के माध्यम से एक ट्रेक शुरू किया था।
18,700 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित दर्रे को पार करते समय दो ट्रेकर्स ने बताया कि वे रस्सियों को खोलते समय नीचे गिर गए, जिसे उन्होंने सुरक्षित रूप से दर्रे पर खड़ी ढलान से नीचे उतरने के लिए इस्तेमाल किया था।
इस त्रासदी के परिणामस्वरूप सुजॉय दुले की मृत्यु हो गई, जबकि सुब्रतो विश्वास घायल हो गए और चलने में असमर्थ हो गए। इसके बाद तीन पोर्टर और एक ट्रेकर नरोत्तम गायन चितकुल, हिमाचल प्रदेश पहुंचे और स्थानीय प्रशासन को दुर्घटना की सूचना दी।
आईटीबीपी की टीम ने हिमाचल प्रदेश पुलिस और एसडीआरएफ के साथ 4 सितंबर को तलाशी और बचाव अभियान शुरू किया। टीम ने घायल ट्रेकर को निकालने का प्रयास शुरू किया। मृत ट्रेकर का शव खिमलोगा दर्रे के पास एक हिम दरार में है।
घायल सुब्रतो विश्वास को आईटीबीपी के मेडिक ने प्राथमिक उपचार दिया और स्ट्रेचर पर चितकुल ले जाते समय उसका स्वास्थ्य स्थिर बनाए रखा। चिटकुल में रोड हेड पर लाने के बाद उसे आगे के इलाज के लिए स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया गया।