पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने सेना अध्यक्ष की नियुक्ति पर इमरान खान के बयान पर सेना में नाराजगी की खबरें प्रमुखता से प्रकाशित की हैं।
अखबारों ने सेना के प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि इमरान खान का बयान ना-काबिले बर्दाश्त है। प्रवक्ता का कहना है कि वरिष्ठ फौजी नेतृत्व के बारे में इमरान खान के बयान पर सेना के अंदर गम और गुस्सा पाया जा रहा है। उनका कहना है कि पाक सेना संविधान की रक्षा के लिए स्थापित की गई है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर रोज सेना अपनी जान कुर्बान कर रही है। ऐसे समय में सेना के उच्च नेतृत्व को विवादित बनाने की कोशिश बहुत ही अफसोसनाक है।
अखबारों ने पीटीआई नेता फव्वाद चौधरी का इमरान खान के बयान पर स्पष्टीकरण छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि इमरान खान ने मेरिट पर नियुक्ति की बात की थी। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने जरदारी और नवाज शरीफ की रणनीति लीक की है। इस समय पाकिस्तान की जनता में सरकार के खिलाफ गुस्सा है। रणनीति के तहत परिवर्तन लाएंगे। अखबारों ने सरकार में शामिल दलों का एक संयुक्त बयान भी प्रकाशित किया है, जिसमें इमरान खान को देश की सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया गया है। बयान में कहा गया है कि इमरान खान का एजेंडा देश को तबाह करना है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का कहना है कि सैन्य नेतृत्व पर जहरीले आरोप लगाए जा रहे हैं। बिलावल भुट्टो का कहना है कि वतनपरस्ती पर सवाल उठाने से परहेज करना चाहिए।
अखबारों ने उत्तरी वजीरिस्तान में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में कैप्टन समेत पांच फौजियों के मारे जाने की खबरें दी हैं। मुठभेड़ में एक आतंकवादी के मारे जाने और भारी गोला बारूद बरामद किए जाने की खबरें हैं। अखबारों ने काबुल में रूसी दूतावास के बाहर आत्मघाती बम हमले में 2 रूसी राजनयिकों समेत 20 लोगों के मारे जाने की खबरें दी हैं। अखबारों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भूख, प्यास, खेमो, मच्छरदानी से लोगों के वंचित रहने की खबरें देते हुए बताया है कि लोग बाढ़ प्रभावित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
अखबारों ने भारत में पाकिस्तानी क्रिकेटर आसिफ का कैच छोड़ने पर अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी करार दिया जाने की खबरें दी हैं। अखबारों ने बताया है कि अर्शदीप को कुछ भारतीयों के जरिए सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है। अखबारों ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महेश भट्ट मुसलमान हो चुके हैं और इनका नाम असलम रखा गया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा दुनिया, एक्सप्रेस, रोजनामा जंग और रोजनामा औसाफा आदि के पहले पन्ने पर प्रकाशित की है।
रोजनामा खबरें ने एक खबर दी है, जिसमें बताया गया है कि मोदी सरकार में मदरसों को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। अखबार ने बताया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मदरसों, मस्जिदों में काम करने वालों पर आतंकवाद का आरोप लगाकर उन्हें परेशान करने की घटना को निराशाजनक करार दिया है। अखबार का कहना है कि बोर्ड ने कहा है कि बीजेपी की सरकारें मुसलमानों के साथ नकारात्मक रवैया अपनाए हुए हैं। अखबार ने बताया है कि बोर्ड के महासचिव खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सवाल उठाया है कि आखिर बीजेपी की सरकारों में मुसलमानों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
रोजनामा एक्सप्रेस ने एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर में मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलकर हिंदू नामों पर रखे जा रहे हैं। अखबार ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने नाम बदले जाने के मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया है जो जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराएगी। अखबार ने बताया है कि जिला गोरखपुर नगर निगम ने वार्डों के परिसीमन को लेकर एक मसौदा जारी किया है जिसमें मुस्लिम नामों वाले तकरीबन एक दर्जन वार्डों के नाम बदल दिए गए हैं।