औपचारिक स्वागत के बाद शेख हसीना ने कहा कि वह हमेशा भारत आकर कुछ अलग महसूस करती हैं। दोनों देशों के के बीच महत्वपूर्ण संबंध है और हमारा आपसी सहयोग जारी है। मुक्ति संग्राम में भारत की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य ध्यान गरीबी उन्मूलन और अर्थव्यवस्था को विकसित करना है। मुझे लगता है कि हमारे एक साथ काम करने से न केवल भारत और बांग्लादेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में लोगों को बेहतर जीवन मिल सकता है। यही हमारा मुख्य फोकस है।
शेख हसीना ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच बहुत ही उपयोगी चर्चा होगी। हमारा मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से विकसित होना और हमारे लोगों की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करना है, जो हम कर पाएंगे। दोस्ती से आप किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं। इसके बाद उन्होंने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
मंगलवार सुबह 11:30 बजे नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री हसीना और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसके बाद दोनों नेता साझा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष रक्षा, व्यापार और नदी-जल बंटवारे के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों की रूपरेखा पेश कर सकते हैं । प्रधानमंत्री हसीना का शाम को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी मिलने का कार्यक्रम है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को चार दिवसीय दौरे पर भारत पहुंची हैं। नई दिल्ली पहुंचने पर हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की अगवानी की। गुरुवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री राजस्थान के अजमेर में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जाएंगी।
हसीना के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन, वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी, रेलमंत्री मोहम्मद नूरुल इस्लाम सुजान, मुक्ति युद्ध मंत्री एकेएम मोजम्मेल हक और प्रधानमंत्री के आर्थिक मामलों के सलाहकार मशिउर एकेएम रहमान शामिल हैं।
शेख हसीना ने आखिरी बार अक्टूबर 2019 में नई दिल्ली का दौरा किया था। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भारत और बांग्लादेश ने कुशियारा नदी के पानी के अंतरिम बंटवारे पर समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दिया है। समझौता ज्ञापन पर मंगलवार को दस्तखत होने हैं।
भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं। इनमें से सात की पहचान पहले प्राथमिकता के आधार पर जल बंटवारा समझौतों की रूपरेखा विकसित करने के लिए की गई थी। भारत और बांग्लादेश के बीच समग्र रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं।
पिछले साल मार्च में प्रधानमंत्री मोदी ने शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और पड़ोसी देश के मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश की यात्रा की थी। घनिष्ठ रिश्तों के तहत भारत ने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए 1971 में हुए युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर कई कार्यक्रमों की मेजबानी की। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच 2015 से 12 बार मुलाकात हो चुकी है।