झारखंड की छह राज्यसभा सीटों पर सबसे अधिक भाजपा का कब्जा रहा है। सबसे अधिक भाजपा से ही 12 राज्यसभा सदस्य बने हैं। अब झारखंड के राज्यसभा की रिक्त दो सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। इसे लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), भाजपा, कांग्रेस और राजद सहित अन्य पार्टियां जुट गयी हैं।
झारखंड में राज्यसभा की छह सीटें हैं। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद सबसे अधिक शासन भाजपा ने किया है। अब तक राज्यसभा के लिए झारखंड से भाजपा के 12 सदस्य बने हैं। इनमें दीपक प्रकाश, समीर उरांव, महेश पोद्दार, मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर, जय प्रकाश नारायण सिंह, एसएस आहुवालिया, यशवंत सिन्हा, देवदास आप्टे, अजय मारू, अभयकांत प्रसाद और परमेश्वर कुमार आदि शामिल हैं।
इनके अलावा झामुमो से पांच सदस्य बने। इनमें शिबू सोरेन, संजीव कुमार, केडी सिंह, हेमंत सोरेन और स्टीफन मरांडी शामिल हैं, जबकि कांग्रेस से चार लोग राज्यसभा सदस्य बने हैं। इनमें धीरज प्रसाद साहू, प्रदीप कुमार बलमुचू, माबेल रिबेलो और आरके आनंद शामिल हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से दो लोग राज्यसभा सदस्य बने हैं। इनमें प्रेमचंद गुप्ता और वेनबल धाममार्वियो शामिल हैं।
इनके अलावा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से दिग्विजय सिंह राज्यसभा सदस्य बने हैं, जबकि निर्दलीय परिमल नाथवाणी और दयानंद सहाय भी झारखंड से राज्यसभा सदस्य बने हैं। जनता दल से उबैदुल्लाह खान आजमी भी झारखंड से राज्यसभा सदस्य बने हैं।
वर्तमान की बात करें तो छह में चार सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि एक सीट पर झामुमो और एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भाजपा के राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, महेश पोद्दार और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी हैं, जबकि झामुमो से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और कांग्रेस से धीरज साहू राज्यसभा सदस्य हैं।
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू दोनों झारखंड से तीन-तीन बार राज्यसभा के सदस्य बने हैं, जबकि निर्दलीय परिमल नाथवाणी दो बार राज्यसभा सदस्य बने हैं।